Pachpadra : महंगी बजरी को लेकर जनप्रतिनिधि लामबंद, 25 सितंबर को बालोतरा में महापड़ाव
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से लूनी नदी में बजरी खनन की रोक के 4 साल बाद अब वैध खनन की अनुमति मिली है, लेकिन बजरी ठेकेदार, मनमर्जी से कीमत वसूल रहे हैं.
Pachpadra : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद करीब 4 साल तक बंद रहा बजरी खनन अब फिर से शुरू हो गया है. कोर्ट से मिली अनुमति के बाद बजरी खनन शुरू किया गया है, लेकिन अब बजरी ठेकेदारों के मनमानी देखने को मिल रही है. बाड़मेर जिला प्रमुख के नेतृत्व में 25 सिंतबर को बजरी की मनमानी कीमत के विरोध में महापड़ाव किया गया है, जिसमें जिलेभर के जनप्रतिनिधि शामिल होंगे.
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बालोतरा में आयोजित प्रेसवार्ता में जिला प्रमुख ने ठेकेदार पर मनमर्जी के आरोप लगाते हुए, बताया गया कि सरकार की तरफ से निर्धारित रॉयल्टी से दस गुना अधिक कीमत वसूलने के चलते सभी सरकारी निर्माण योजनाएं ठप्प हो गई है.
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इंदिरा आवास, टांका निर्माण समेत अन्य योजनाओं से जुड़े सभी निर्माण कार्य पिछले एक साल से बन्द पड़े है, हमने जिला परिषद की मीटिंग में भी ये मुद्दा उठाया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है, इसलिए मजबूरन जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को आवाज उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है. वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम ,बायतु विधायक हरीश चौधरी और पचपदरा विधायक मदन प्रजापत समेत कई जनप्रतिनिधियों ने इसका विरोध जताया.
रिपोर्टर : भूपेश आचार्य
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