जेल में कैदियों की मौज, हारमोनियम बजाने का वीडियो वायरल, प्रशासन में मचा हड़कंप
Barmer News: राजस्थान के बाड़मेर जिले की जेल में कैदी खुलेआम मल्टीमीडिया मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. साथ ही जेल के अंदर मनोरंजन के लिए हारमोनियम बजाकर वीडियो भी बना रहे हैं, जिससे जेल प्रशासन पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं कि आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा के बीच इतने कैदियों के पास आसानी से मोबाइल फोन कौन पहुंचा रहा है.
Barmer News: राजस्थान के बाड़मेर जिले के कारगार की गिनती प्रदेश की हाईटेक जेलों में होती है. जेल में जाने वाले हर सामान और बंदी से लेकर जेल प्रहरियों की तलाशी आधुनिक उपकरणों से होती है, लेकिन गहलोत सरकार में भी यह जेल अपराधियों के लिए ऐशो आराम से कम नहीं लग रही है. बाड़मेर जिला कारागृह का एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें जेल में कैदी खुलेआम मल्टीमीडिया मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं.
साथ ही जेल के अंदर मनोरंजन के लिए हारमोनियम बजाकर वीडियो भी बना रहे हैं. सोशल मीडिया पर जेल के अंदर का वीडियो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं कि आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा के बीच इतने कैदियों के पास आसानी से मोबाइल फोन कौन पहुंचा रहा है.
वहीं इस पूरे मामले को लेकर बाड़मेर जेल के अधीक्षक रोहित कौशिक का कहना है कि मेरे को यहां जॉइन किए हुए 29 दिन ही हुए हैं, लेकिन मैंने जेल में कई बार कैदियों की तलाशी ली है लेकिन कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली है, जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसमें यह पुष्टि नहीं हो पा रही है कि यह किस जेल का वीडियो है.
इतना ही नहीं जेल में बंद बंदियों सोशल मीडिया पर मोबाइल उपयोग करने का वीडियो वायरल कर यह भी आरोप लगाया है कि जो कैदी आता है अगर वह पैसे नहीं देता है, तो उससे जेल के सभी बाथरूम की सफाई करवाई जाती है और उसके बाद उसे काल कोठरी में बंद कर देते हैं. जेल प्रशासन द्वारा कैदियों से वसूली करने के ऑनलाइन फोन पे ट्रांजेक्शन के स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, लेकिन वायरल वीडियो और स्क्रीनशॉट की जी राजस्थान न्यूज पुष्टि नहीं करता है.
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बाड़मेर जिला जेल (कारागृह) में कैदियों से अवैध वसूली करने का खुला खेल लंबे समय से चल रहा है. पूर्व में भी बाड़मेर जिला कारागृह में कई मोबाइल और अफीम का दूध तक बरामद हो चुका है, लेकिन जिम्मेदार प्रशासन और जेल विभाग अनजान बना हुआ है.
जेल में न तो कभी कलेक्टर ने निरीक्षण कर सख्ती बरती है, न ही जेल प्रशासन बैरक की सुध ले रहा है. ऐसे में यहां पहुंचने वाले बंदियों ने पैसा दिया तो उन्हें अच्छा खाना और मोबाइल के साथ आरामदायक घर जैसी सुविधा मिल जाएगी. अगर पैसा नहीं दिया तो उन्हें, काल कोठड़ी (महिला बैरक) में ठूंस दिया जाएगा, जहां न तो समय पर पानी और न ही खाना मिलेगा.
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