राजस्थान में मानसून की अच्छी बारिश के बाद भी भूजल स्तर गिरा, 302 ब्लॉक में से 219 डॉर्कजोन
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राजस्थान में मानसून की अच्छी बारिश के बाद भी भूजल स्तर गिरा, 302 ब्लॉक में से 219 डॉर्कजोन

राजस्थान( Rajasthan) में मानसून में अच्छी बारिश(rain) के बाद भी भूजल स्तर(Ground water) में कमी देखी जा रही है जो चिंता का विषय है.

राजस्थान में मानसून की अच्छी बारिश के बाद भी भूजल स्तर गिरा, 302 ब्लॉक में से 219 डॉर्कजोन

Jaipur News : राजस्थान में मानूसन की अच्छी बारिश के बाद भी भूजल स्तर के हालात चिंताजनक बने हुए है,क्योंकि भूजल का स्तर दो मीटर गिर गया है.जिससे हालात चिंताजनक बने हुए है.ऐसे में होने वाले सालों में हालात और भी ज्यादा गंभीर हो जाएंगे.

मेघ बरसे, लेकिन जमीन सूखी रह गई
मरूभूमि में अबकी बार जमकर मेघ बरसे,लेकिन इसका असर भूजल स्तर पर दिखाई नहीं दिया. क्योंकि जमीन से पानी ज्यादा निकाला जा रहा है और जमीन के अंदर पानी कम डाला आ रहा है. जिसका नतीजा ये देखने को मिल रहा है, कि ग्राउंड वाटर लेवल लगातार गिरता जा रहा है.

अबकी बार 2 मीटर तक ग्राउंड वाटर नीचे पहुंच गया है. इस साल प्रदेश भूजल 12.13 बीसीएम ( अरब घन मीटर) रिचार्ज हुआ है. इसमें से 8.71 बीसीएम पानी बारिश से रिचार्ज हुआ है. जबकि 16.56 बीसीएम पानी खेती, पेयजल और इंडस्ट्रीज उपयोग के लिए जमीन से निकाला गया. यहां भूजल रिचार्ज की तुलना में दोहन 151.07% है. 2020 में दोहन 150.2% था. जोधपुर में भूजल स्तर में 4 मीटर तक गिरावट आई है.भूजल विभाग के चीफ इंजीनियर सूरजभान सिंह का कहना है कि हालात चिंताजनक है,ग्राउंड वाटर लेवल हर साल नीचे जा रहा है,जो बहुत ही गंभीर विषय है.

219 ब्लॉक डार्क जोन में
प्रदेश के 302 में से 219 ब्लॉक भूजल का बहुत ज्यादा दोहन होने के कारण डार्क जोन में आ गए हैं. वहीं 22 ब्लॉक क्रिटिकल, 20 ब्लॉक सेमी क्रिटिकल श्रेणी में शामिल हैं. प्रदेश में केवल 38 ब्लॉक ही सुरक्षित स्थिति में हैं. जयपुर जिले के सभी 16 ब्लॉक डार्कजोन की श्रेणी में हैं. यहां से अब भूजल का दोहन सुरक्षित नहीं है. केवल श्रीगंगानगर के सभी 9 ब्लॉक सुरक्षित हैं. डूंगरपुर के 10 में से 8 और हनुमानगढ़ के 7 में से 6 ब्लॉक सुरक्षित हैं.अन्य जिलों में भूजल स्तर के हालात बाहुत ही गंभीर हैं. 2020 से 2022 की तुलना करने पर प्रदेश में केवल एक ब्लॉक में सुधार हुआ है. वहीं 19 ब्लॉक में हालात बिगड़े हैं.

भूजल दोहन अधिक
प्रदेश में भूजल रिचार्ज से ज्यादा दोहन किया जा रहा है. सर्वाधिक 323 फीसदी तक दोहन जैसलमेर में हुआ है. यहां बारिश से केवल 9698.96 हेक्टर मीटर पानी जमीन में गया जबकि जमीन से 28274 एचएएम हेक्टर मीटर निकाला गया. अलवर में 209, दौसा में 208, जयपुर में 221, जोधपुर में 258, झुंझनू 215, सीकर में 201 फीसदी भूजल दोहन हो रहा है. अजमेर, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चूरू, धौलपुर, जालोर, झालावाड़, करौली, कोटा, नागौर, पाली, प्रतापगढ़ सहित अन्य जिलों में रिचार्ज से ज्यादा दोहन हो रहा है. केवल बांसवाड़ा, डूंगरपुर, गंगापुर, हनुमानगढ़ में ही भूजल रिचार्ज ज्यादा हो रहा है.ऐसे में सरकार के साथ आम लोगों को भी कदम उठाने होंगे,नहीं तो आने वाले दिनों स्थितियां और बिगड सकती है. 

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