ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को दूर करने को लेकर जयपुर में रैली, बाड़मेर से हजारों युवा रवाना
ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर युवा आर-पार की लड़ाई करने के मूड में नजर आए.शनिवार से युवा जयपुर की सड़कों पर आक्रोश महारैली निकालकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने जा रहे हैं.
बाड़मेर: ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर युवा आर-पार की लड़ाई करने के मूड में नजर आए.शनिवार से युवा जयपुर की सड़कों पर आक्रोश महारैली निकालकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने जा रहे हैं. युवा बोले कि नेता, एमएलए, व मंत्रियों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि हमारी इस मांग में शामिल नहीं होते है तो आने वाले समय में नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहे.
ओबीसी सघर्ष समिति की ओर से कल जयपुर में आयोजित होने वाली ओबीसी आक्रोश महारैली में भाग लेने के लिए बाड़मेर जिला मुख्यालय से हजारों की संख्या में युवाओं ने बसों में सवार होकर जयपुर का कुच किया है.बाड़मेर जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी के नेतृत्व में आज पीजी कॉलेज ग्राउंड से सैकड़ों बसों को ओबीसी आरक्षण के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.
ओबीसी आरक्षण में संशोधन की मांग
दरअसल, राजस्थान में कार्मिक विभाग ने ओबीसी आरक्षण में संशोधन करते हुए 17 अप्रैल 2018 को एक आदेश जारी किया था. इसमें भूतपूर्व सैनिकों को मिल रहे 12.5 फीसदी आरक्षण को समाप्त कर दिया गया था. भूतपूर्व सैनिकों को ओबीसी वर्ग के 21% आरक्षण में शामिल कर दिया गया था. जिसके बाद से भर्तियों में ओबीसी के युवाओं को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने के कारण न के बराबर नौकरियां मिल रही है.इससे युवा लंबे समय से आक्रोशित है.युवाओं ने बाड़मेर, नागौर सहित कई जिलों के मुख्यालय पर धरना देकर प्रदर्शन किया है.
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राजस्थान में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण में कटौती का विरोध तेज हो गया है.ओबीसी आरक्षण के नियमों में संशोधन की मांग को लेकर जिलों में आंदोलन किए जा रहे थे, लेकिन कल शुक्रवार से राजधानी जयपुर में शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू हो रहा है.जिसको लेकर पश्चिमी राजस्थान भर से हजारों की संख्या में युवा जयपुर पहुंच रहे हैं.
युवाओं में आक्रोश का माहौल
बाड़मेर जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी ने बताया ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर युवाओं में आक्रोश का माहौल है और पिछले कई महीनों से इस मांग को मनवाने के लिए अलग अलग तरीके से प्रदर्शन किए जा रहे थे, लेकिन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया.इसलिए अब युवा अपने हक की लड़ाई के लिए आर-पार के मूड में है.