Shiv, Barmer: जोश मलीहाबादी ने क्या खूब कहा है 'सुबूत है ये मोहब्बत की सादा-लौही का, जब उस ने वादा किया हम ने ए'तिबार किया'. कहते हैं भरोसे पर दुनिया कायम है लेकिन सियासत-ए-दौर में ऐसा बेहद कम ही देखने को मिलता है जब कोई किसी पर एतबार करें और जब ऐसी तस्वीर सामने आती है तो हर कोई आश्चर्यचकित रह जाता है. कुछ ऐसी ही तस्वीर राजस्थान के शिव विधानसभा क्षेत्र से सामने आई. जहां एक शख्स ने अपने दिन भर की कमाई छात्र नेता रह चुके रविंद्र भाटी के हाथों में थमा दी. यह शायद उसका अटूट भरोसा ही रहा होगा कि उसने उसने सुनसान बियाबान में इंतजार किया और जब वहां से भाटी का काफिला गुजरा तो रोक कर उसे पर भरोसा जताया और आशीर्वाद स्वरुप ₹500 थमा दिए.


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दरअसल रविन्द्र सिंह भाटी ने खुद बताया कि समय रात के 9 बजे, स्थान एक सुनसान तिराहा, घनघोर अंधेरा,न नेटवर्क न ही कोई आवाजाही, वहा खड़े एक शक्स पिछले 3 घंटो से बडी उम्मीद से इंतज़ार कर रहे थे कि शिव जन संवाद यात्रा का काफ़िला यहां से गुजरेगा तो रविन्द्र सिंह भाटी को एक आशीर्वाद रूपी भेंट प्रस्तुत करनी है.


 



काफ़िला पहुंचा और रुका भी


कुछ दैनिक वार्तालाप के बाद मणिहारी निवासी ऊरसा खान जी ने निकाला 500 रुपए का एक नोट, और थमा दिया भाटी हाथो में, जो शायद उनकी 1 दिन की मेहनत की कमाई हो. बचपन में घर से बाहर जब पढ़ने जाते समय मां द्वारा एक ऐसा ही नोट देकर जिस मामत्य का अहसास होता था कुछ वैसी ही यादें का झोंका एकाएक मुझे झकझोर गया.


और मैं इसे स्वीकार करता भी क्यू ना, जब इसमें एक स्नेह का समंदर समाया हुआ है, जब इसमें एक आशीर्वाद की ज्वाला धधक रही है। हां ये बात अलग है कि इस नोट को खर्च करने का सामर्थ्य ना जुटा पाऊं क्योंकि यह नोट मुझे भाटी कर्तव्यों का बोध करवायेगा, मुझे कभी न थकने का निरंतर संदेश देता रहेगा.


आज पहली बार ऐसा लगा कि जब लोग आपमें एक हल्की सी भी उम्मीद देखते हैं न, तो वो आपके लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाते हैं, आपसे दूगुनी ताकत वो लगाते हैं, बस इसलिए कि इस उम्मीद का जिंदा रहना ज्यादा जरूरी है. इस आशीर्वाद के लिए बहुत बहुत आभार और  ये वादा करता हूं अपने आप से कि ये उम्मीद जिंदा रहेगी, हर हाल में, हर परिस्थिति में.


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