एक बबूल, जो BSF जवानों को अपनों से मिलाता है, जानिए क्या है मामला
बाड़मेर जिले से लगती अंतराष्ट्रीय भारत पाक बॉर्डर पर देश की पश्चिमी सरहद की सुरक्षा में लगे बीएसएफ जवानों के लिए एक खास जगह है जंहा ड्यूटी से वापस आते ही हर जवान वंहा पहुच जाता है.
Sheo: बाड़मेर जिले से लगती अंतराष्ट्रीय भारत पाक बॉर्डर पर देश की पश्चिमी सरहद की सुरक्षा में लगे बीएसएफ जवानों के लिए एक खास जगह है जंहा ड्यूटी से वापस आते ही हर जवान वंहा पहुच जाता है. खास जगह इसलिए है कि बॉर्डर पर कोई भी नेटवर्क नहीं आता है इस बबूल के पेड़ के नीचे मोबाईल नेटवर्क आता है तो जवान अपने घर बात करता है और भी मोबाइल से मनोरंजन भी करता हैं.
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बॉर्डर पर नेटवर्क नहीं आने के चलते देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगे बीएसएफ के जवानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है और नेटवर्क के अभाव में कई दिनों पर घर पर बाद भी नहीं हो पाती है. बाड़मेर जिले से लगती अंतरराष्ट्रीय भारत-पाक के बांका सर बॉर्डर पर यह बबूल का पेड़ बीएसएफ जवानों के लिए एक खास जगह बन गया है जहां पर जवान ड्यूटी से वापस लौट पर ही इस पेड़ के नीचे आ जाते हैं जहां पर मोबाइल नेटवर्क आता है तो वह अपने घर फोन लगाकर हालचाल पूछते हैं.
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साथ ही वह मोबाइल में इंटरनेट का उपयोग कर अपना मनोरंजन भी कर लेते हैं. बीएसएफ के जवान बताते हैं कि बॉर्डर पर नेटवर्क नहीं आता है यही एक मात्र जगह है जहां पर नेटवर्क मिलता है, जिससे हम घर पर बात कर पाते हैं. साथ ही कई बार खराब मौसम के चलते कई दिनों तक तक घर पर बात नहीं हो पाती है तो हम पहले ही बता देते हैं कि दो-तीन दिन बात नहीं हो पाएगी और घर वालों को कोई जरूरी काम होता है तो हेड क्वार्टर फोन लगाकर वह हमारे हाल-चाल जान लेते हैं कि हम पूरी तरह सुरक्षित है.