Bharatpur News, भरतपुर: दिल्ली में बौद्ध धर्म के एक आयोजन में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक शपथ दिलाने के मामले में दिल्ली की केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम को मंत्री पद गंवाना पड़ा था. वैसी ही शपथ रविवार को भरतपुर में भी गूंजी. यहां भी हिंदू देवी-देवताओं को लेकर शपथ दिलाई गई. विश्व हिंदू परिषद सहित हिंदूवादी संगठनों ने इस शपथ पर आपत्ति दर्ज कराकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है. 


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दरअसल, भरतपुर के कुम्हेर कस्बे में रविवार को संत रविदास सेवा समिति की तरफ से सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया था. समिति की ओर से यह पांचवां आयोजन था. सम्मेलन में 11 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया. इससे पहले सभी का धर्म परिवर्तन कराकर बौद्ध धर्म गृहण कराया गया. इसके बाद सभी विवाहित जोड़ों को 22 शपथ दिलाई गई. 22 शपथ हिंदू धर्म का त्याग करके बौद्ध धर्म अपनाने की थी. 


जिले के कुम्हेर कस्बे में पांचवें आदर्श सामूहिक विवाह सम्मेलन संत रविदास सेवा विकास समिति द्बारा आयोजित करवाया गया, जहां 11 जोड़ों की शादी करवाई गई. इस दौरान वहां मौजूद सभी जोड़ों को हिंदू देवी-देवताओं नहीं मानने और उनकी पूजा नहीं करने की शपथ दिलवाई गई. सभी ने शपथ ली कि ईश्वर ने जो अवतार लिया है इसलिए ईश्वर में मेरा विश्वास नहीं है और वह ब्रह्मा, विष्णु महेश किसी को नही मानेंगे. शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म की शपथ दिलाई. इसके बारे में किसी प्रशासन या पुलिस अधिकारी को भी पता नहीं लगा. 


संत रविदास सेवा विकास समिति द्वारा पांचवा सामूहिक विवाह सम्मेलन एक निजी मैरिज होम में करवाया गया. विवाह सम्मेलन में कुम्हेर- डीग के अधिकारी मौजूद रहे. विवाह के बाद जब सभी अधिकारी वहां से चले गए तो सामूहिक विवाह सम्मेलन करवाने वाले आयोजकों ने 11 जोड़ों को 22 शपथ दिलवाई, जिसमें पहली शपथ दिलाई की, मैं ब्रह्मा, विष्णु, महेश को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा, और न ही इनकी पूजा करूंगा. दूसरी शपथ- मैं राम को ईश्वर नहीं मानूंगा और उनकी पूजा नहीं करूंगा. तीसरी- मैं गौरी, गणपति आदि हिंदू धर्म के किसी भी देवी-देवता को ईश्वर नहीं मानूंगा और मैं बौद्ध की पूजा करूंगा, ईश्वर ने अवतार लिया है, जिस पर मेरा विश्वास नहीं है. मैं ऐसा कभी नहीं कहूंगा कि भगवान बौद्ध विष्णु के अवतार हैं. मैं ऐसी प्रथा को पागलपन और झूठा समझता हूं. मैं कभी पिंड दान नहीं करूंगा, मैं बौद्ध धर्म के विरोध में कभी कोई बात नहीं करूंगा. 


लालचंद पैंगोरिया ने बताया कि सामूहिक विवाह सम्मेलन में वर-वधू को 11 हजार रुपये का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है, बाकि का सभी खर्चा संत रविदास सेवा समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें फ्रीज, बर्तन ,कपड़े, कुर्सी ,डबल बेड आदि सामान कन्या दान के स्वरूप दिया जाता है. शंकर लाल बौद्ध ने बताया कि बाबा भीमराव अंबेडकर द्वारा दोहराई गई 22 प्रतिज्ञा वर-वधू को दिलाकर विवाह संपन्न करावाया. 


बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एड़वोकेड यशवंत सिंह फौजदार ने फोन पर बताया कि हिंदू मैरिज एक्ट और हिंदू मेंटेनेंस एंड सक्सेशन एक्ट के खिलाफ है. इस तरह से धर्म को नहीं बदलवा सकते हैं. ऐसा करना समाज के खिलाफ, इसको लेकर आक्रोश होगा. यह गलत शपथ दिलाई है. हिंदू समाज जो देवी-देवताओं में आस्था रखता है, यह उन देवी- देवताओं की आस्था के खिलाफ है. यह असंवैधानिक है कि ऐसी शपथ का किसी भी संविधान में उल्लेख नहीं है. गरीब जोड़ों को शादी का लालच देकर दबाव में लाकर गलत शपथ दिलाई जाती है. यह चीन द्बारा समाज को बदनाम करने का एक अभियान चलाया जा रहा है. 


Reporter- Devendra Sharma