अहिल्याबाई सीरियल पर विवाद, महाराजा सूरजमल के वंशजों ने दर्ज कराई FIR, हार दिखाने से नाराज
Bharatpur news : भरतपुर के पूर्व महाराजा सूरजमल पर बने धारावाहिक अहिल्याबाई में गलत तथ्य दिखाए जाने के आरोप लगे है. ये मुद्दा राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के सामने गहलोत सरकार के मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी उठाया और इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हुई है.
Bharatpur news : महाराजा सूरजमल पर बन रही फिल्मों और धारावाहिक में लगातार विवाद हो रहा है. भरतपुर के पूर्व महाराजा सूरजमल को लेकर टीवी धारावाहिक अहिल्याबाई में गलत तथ्य दिखाए जाने के आरोप लगे है. तीन साल पहले बॉलीवुड फिल्म पानीपत से शुरू हुआ विवाद अब एक टीवी धारावाहिक तक आ पहुंचा है. धारावाहिक में खांडेराव होल्कर से पूर्व महाराजा सूरजमल को युद्ध में हारना बताया है. वहीं, इतिहासकारों का दावा है कि पूर्व महाराजा सूरजमल कभी युद्ध नहीं हारे. बल्कि खांडेराव होल्कर की मौत उनके साथ युद्ध में हुई थी. इसको लेकर रूपवास व कुम्हेर थाने में दो अलग-अलग एफआइआर भी दर्ज कराई गई हैं.
26 नवंबर को भरतपुर दौरे पर आये राज्यपाल कलराज मिश्र के सामने भी यह प्रकरण उठाया गया. उनके वंशज मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने महामहिम से मामले में दखल देने की बात कही. जिस पर मंच से अपने उद्बोधन में महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्र ने महाराजा सूरजमल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें महान शूरवीर योद्धा व इतिहास पुरुष बताया और कहा कि महाराजा सूरजमल ने 80 युध्द लड़े लेकिन वह कोई भी युद्ध नहीं हारे.
अहिल्याबाई धारावाहिक के 17 नवंबर 2022 के एपिसोड में पात्र खांडेराव होल्कर की ओर से पूर्व महाराजा सूरजमल के खिलाफ गलत टिप्पणी करते हुए व खांडेराव की ओर से युद्ध में हारना बताया गया है. इसको लेकर करीब एक दर्जन से अधिक संगठनों ने विरोध भी जताया है.
यहां हुई एफआइआर
कुम्हेर थाने में साहब सिंह, सोमवीर सिंह एवं प्रमोद कुमार एडवोकेट ने दर्ज कराए मामले में बताया है कि एक चैनल पर प्रसारित इस धारावाहिक के निर्देशक जैक्सन सेठी निर्माता निनाद वैध और नितिन वैध ने पूर्व महाराजा सूरजमल की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है.
रूपवास थाने में क्षेत्र के गांव पुरा निवासी अजीत सिंह पुत्र हुकम सिंह ने मामला दर्ज कराया कि सोनी टीवी सीरियल के निर्देशक निर्माता व कलाकारों ने पुण्य श्लोक अहिल्याबाई में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर महाराजा सूरजमल के चरित्र को उनके स्वभाव व वास्तविकता के विपरीत खलनायक की छवि के रूप में दर्शाया है. इससे महाराजा सूरजमल की छवि धूमिल हुई है. साथ ही आम लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंची है.
2019 में भी हो चुका विवाद
नवंबर 2019 में भी बॉलीवुड फिल्म पानीपत में गलत तथ्य प्रस्तुत करने पर विवाद हुआ था. इसको लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे. मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय नेताओं की ओर से विरोध दर्ज कराया गया था. फिल्म निर्माता की ओर से जवाब देने व विवादित सीन हटाने के आश्वासन पर मामला शांत हुआ था. इसमें भी पूर्व महाराजा सूरजमल को लेकर गलत तथ्य दिखाए गए थे.