Largest govardhan idol in Bharatpur​: भरतपुर शहर के कॉलेज ग्राउंड में गाय के गोबर से बनी 108 फीट की विशाल गोवर्धन प्रतिमा तैयार की गई है. आयोजकों का दावा है कि यह संभवत विश्व की सबसे विशाल गोवर्धन प्रतिमा (Largest govardhan idol in Bharatpur) है.  इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज करवाया जाएगा. इसके लिये जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी की है और तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है.


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108 फीट की विशाल गोवर्धन प्रतिमा तैयार की गई
आज शाम 5 बजे 108 फुट के गोवर्धन जी के इस विग्रह की विशेष पूजा होगी.जिला प्रशासन ,विप्र फाउंडेशन और सर्व समाज के द्वारा इसका निर्माण कराया गया . इस दौरान लेजर लाइट एंड साउंड शो का भी आयोजन होगा. केबीनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह व राज्यमंत्री सुभाष गर्ग कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.


108 पंडितों द्वारा मंत्रोचार किया जाएगा
बृज अंचल में गिर्राज गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है. दुनिया को गीता का ज्ञान देने वाले श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में से प्रमुख एक लीला गोवर्धन पूजा की है. जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली से गोवर्धन पर्वत को उठाकर देवराज इंद्र के अभिमान को चूर चूर कर ब्रजवासियों की रक्षा की और उन्हें प्रकृति व पर्यावरण सहित गोपूजा का महत्व बताया था.


भरतपुर शहर के कॉलेज ग्राउंड में गाय के गोबर से बनी
भरतपुर शहर के कॉलेज ग्राउंड में गाय के गोबर से बनी 108 फीट की विशाल गोवर्धन प्रतिमा तैयार की गई है. आयोजकों का दावा है कि यह संभवत विश्व की सबसे विशाल गोवर्धन प्रतिमा है. इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज करवाया जाएगा. इसके लिये जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी की है और तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है.


आज शाम 5 बजे 108 फुट के गोवर्धन जी के इस विग्रह की विशेष पूजा होगी. जिला प्रशासन ,विप्र फाउंडेशन और सर्व समाज के द्वारा इसका निर्माण कराया गया है. इस दौरान लेजर लाइट एंड साउंड शो का भी आयोजन होगा. केबीनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह व राज्यमंत्री सुभाष गर्ग कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.


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बृज अंचल में गिर्राज गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है. दुनिया को गीता का ज्ञान देने वाले श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में से प्रमुख एक लीला गोवर्धन पूजा की है. जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली से गोवर्धन पर्वत को उठाकर देवराज इंद्र के अभिमान को चूर चूर कर ब्रजवासियों की रक्षा की और उन्हें प्रकृति और पर्यावरण सहित गोपूजा का महत्व बताया था.