भरतपुर: जिले में भगवान कृष्ण की क्रीड़ा स्थली आदिबद्री इलाके में अवैध खनन रोकने की मांग को लेकर बाबा हरीबोल दास मंगलवार से मोबाइल टावर पर चढ़े हैं.24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी बाबा हरीबोल दास नीचे नहीं उतर रहे थे, लेकिन आम नागरिकों की अपील पर साधु नीचे उतर गए. उनकी शर्त है कि सरकार इस इलाके में खनन को रोककर वन क्षेत्र घोषित करे. अपनी इस मांग को लेकर दो दिन पहले बाबा हरीबोल दास ने आत्मदाह की चेतावनी भी दी थी. तब राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह उन्हें मनाने पहुंचे थे.


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उस दौरान साधुओं और मंत्री के बीच वार्ता हुई थी, लेकिन बाबा हरीबोल दास इससे संतुष्ट नहीं हुए और वे मंगलवार को मोबाइल टावर पर चढ़ गए. साधुओं का आदिबद्री इलाके में खनन रोकने की मांग को लेकर आंदोलन पिछले 550 दिन से चल रहा है. तब से ही साधुओं का धरना जारी है, लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है.


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धरना स्थल पर एक साधु ने लगाई खुद को आग


इसी बीच इस मामले को लेकर दिये जा रहे धरना स्थल पर विजयदास नाम के साधु ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर को आग लगा ली. इससे वे गंभीर रूप से झुलस गए. उन्हें गंभीर हालात में प्रशासन की ओर से डीग के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पेट्रोल छिड़ककर खुद में आग लगाने वाले साधु विजय दास 80 % तक झुलस गए. हालत गंभीर होने पर साधू विजयदास को जयपुर रेफ़र कर दिया है. साधु संत अपनी मांग पर अड़े हुये हैं. साधु-संतों का यह धरना पसोपा गांव में चल रहा है. साधु सन्तों के प्रदर्शन को देखते हुए संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने इंटरनेट सस्पेंशन की अवधि बढ़ा दी,अब अगले 24 घण्टे तक इंटरनेट डीग, नगर, सीकरी, कामां, पहाड़ी में इंटरनेट सेवा बन्द रहेगी.


क्या है पूरा मामला


भरतपुर में उस समय पुलिस व प्रसासन में हड़कम्प मच गया जब प्रशासनिक अमले को जानकारी मिली कि डीग तहसील के गांव पसोपा में साधु सन्तों के धरनास्थल के पास स्थित एक मोबाइल टॉवर पर एक साधु चढ़ गया है और प्रशासन से मांग कर रहा है जब तक आदिबद्रीनाथ व कनकांचल पर्वत क्षेत्र में खनिज गतिविधि बन्द कर उसे सरंक्षित वन क्षेत्र घोषित नहीं किया जाता तब तक वह नीचे नही उतरेगा. इस बीच धरना स्थल पर मौजूद सन्त समाज के लोगों ने व पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने काफी समझाइश की लेकिन वह नही माना.


मजबूरी में किसी अनहोनी की आशंका पर एसडीआरएफ टीम को मौके पर बुलाकर मोबाइल टॉवर के नीचे जाल लगाया गया. मोबाइल टॉवर पर चढ़े साधु नारायणदास को समझाने के लिए एक युवक को ऊपर भेजा लेकिन वही नहीं माना, जिला प्रशासन व साधुओं के प्रतिनिधि मंडल के बीच वार्ता में हुई. सहमति का पत्र भी दिखाया लेकिन वह नहीं माना. एसपी श्याम सिंह मौके पर पहुंचे उन्होंने समझाइश की लेकिन वह अपनी मांग पर अड़ा रहा और पिछले 6 घण्टे से अधिक समय से मोबाइल टॉवर पर चढ़ा रहा, लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद साधु टॉवर से नीचे उतरा.


इस परिक्रमा पथ में भगवान श्री कृष्ण से जुड़े कई मंदिर हैं


दरअसल, ये इलाका गोवर्धन परिक्रमा पथ का इलाका है. इस इलाके को भगवान कृष्ण की क्रीड़ा स्थली माना जाता है. यह उत्तर प्रदेश के मथुरा के नजदीक है. गोवर्धन पर्वत के इस परिक्रमा पथ में भगवान श्री कृष्ण से जुड़े कई मंदिर हैं. साधु संत भगवान कृष्ण की इस भूमि को बचाने के लिए कई बरसों से संघर्ष कर रहे है. लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. अब बाबा हरीबोल दास के टावर पर चढ़ जाने से यह मामला सोशल मीडिया में भी सुर्खियों में आ गया है. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है.


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पर्वतों को बचाने के लिए साधु संत कर रहे आंदोलन


राजस्थान के भरतपुर जिले में पड़ने वाले बृज क्षेत्र में धार्मिक महत्व के पर्वतों को बचाने के लिए सन्त समाज काफी समय से आंदोलनरत है,जिसका परिणाम यह है कि डीग व कामां तहसील के 5 हजार हैक्टर से अधिक पर्वत श्रंखला को वर्ष 2008-9 में फारेस्ट यानी कि सरंक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया गया था, लेकिन फिर भी कुछ भाग शेष रह गया था, इसी शेष बचे भाग को फारेस्ट से फ़ॉरेस्ट में परिवर्तित करने के लिये डीग तहसील के गांव पसोपा में साधु सन्तों द्वारा पिछले 550 दिन से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. सन्त समाज की मांग है कि बृज चौरासी कोस परिक्रमा से सटे आदिबद्रीनाथ व कनकांचल पर्वत क्षेत्र में खनिज विभाग ने जो माइनिग लीज आवंटित की है उनको निरस्त कर इस पर्वत श्रखंला के धार्मिक महत्व को ध्यान मर रखते हुए इसे भी वन सरंक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए. 


Reporter-Devendra singh