राजस्थान: सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही खरीफ सीजन की नई फसलों की आवक जोर पकड़ने से अक्सर सब्जियों और अनाजों के दाम में नरमी आ जाती है, लेकिन इस साल ऐसा अब तक नहीं हुआ है, इसकी वजह मानसून के आखिरी दौर में हुई भारी बारिश और देश के कई इलाकों में आई बाढ़ रही है, जिसके कारण अभी तक सब्जियों की महंगाई से आम गृहणियों के रसोई का बजट बिगड़ा हुआ है.


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प्याज की महंगाई ने जहां भोजन का स्वाद बिगाड़ दिया है वहां आलू, गोभी, पालक समेत तमाम हरी सब्यिजों के दाम ऊंचे होने से उपभोक्ताओं को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ रही है. पिछले साल से तुलना करें तो ज्यादातर सब्जियों के दाम 50 फीसदी तक ज्यादा हैं.


वहीं, कारोबारियों की मानें तो मानसून सीजन के आखिरी दौर में राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश के अन्य हिस्सों में हुई भारी बारिश से प्याज, टमाटर समेत तमाम सब्जियों की अगैती फसल खराब हो गई. जिसके कारण इस साल आवक उस तरह से जोर नहीं पकड़ रही है जिस तरह विगत वर्षो में रहती थी. यही वजह है कि सब्जियां पिछले साल के मुकाबले महंगी हैं.


गौततलब है कि, राजस्थान में भी कुदरत का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. आलम यह है कि एक तरफ तो राजस्थान के सीकर, बीकानेर, नागौर सहित कई इलाकों में जमकर ओलावृष्टि हुई. वहीं, दूसरी तरफ बाड़मेर से बॉर्डर के लगते इलाकों में पहली बार इतना बड़ा कुदरत का कहर बरपा की रबी की फसल पूरी की पूरी बर्बाद हो गई. यह कहर पाकिस्तान से आया पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर के बॉर्डर के इलाकों में बारिश की तरह टिड्डी ने अटैक कर दिया, जिसके चलते रबी की पूरी फसल चौपट हो गई.


अब किसानों को इस बात की चिंता सता रही है जो कर्ज किसानों ने लिया था, उसकी भरपाई कैसे होगी. वहीं, मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा, 'बीते दो दिनों से हनुमानगढ़ और श्री गंगानगर में भी ओलावृष्टि हुई है. राज्य के अन्य हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हुई है, जिससे फसलों को भारी क्षति पहुंची है'.