अंकित तिवाड़ी/जयपुर: प्रदेश आयकर अदा करने में आगे है, यहीं वजह हैं कि देश के साथ प्रदेश का भी आयकर वसूली टारगेट बढ़ाया गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 31 मार्च 2019 को खत्म हो रहे वित्त वर्ष के लिए 50 हजार करोड़ रुपए अधिक आयकर वसूली का लक्ष्य रखा है. इसमें राजस्थान की भागीदारी अब 22,240 करोड़ से बढ़ाकर किया 23,577 करोड़ रुपए तय की गई है. विभाग अब नए लक्ष्य के आधार पर टैक्स वसूली में लगा हुआ है.


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आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 22,240 करोड़ रुपए आयकर वसूली लक्ष्य तय किया था इसमें से अब तक 77. 8 प्रतिशत इनकम टैक्स की वसूली हो चुकी है. यानि की विभाग के खाते में 18,349 करोड़ रुपए की आयकर राशि आ चुकी है. वर्तमान आयकर वसूली को देखते हुए विभाग ने तय लक्ष्य में 1,337 करोड़ रुपए का इजाफा किया है. आयकर विभाग को अब नया टारगेट 23,577 करोड़ रुपए का मिला है. शेष 5,228 करोड़ रुपए भी 31 मार्च तक आने की संभावना विभाग को है. 


वहीं विभाग आयकर छापों, बेनामी संपत्तियों सहित पुरानी देनदारियों के जरिए भी राजस्व में इजाफा के लक्ष्य को तय में समय तक पाने के लिए तैयार है. आयकर महानिदेशक सतीश गुप्ता का कहना है कि विभाग की कोशिश है कि करदाता स्वयं कर जमा करवाएं ताकि किसी भी कर व्यवहारी पर छापा मारने की आवश्यकता नहीं पड़े. विभाग डिजिटल माध्यम से भी आयकर संभावनाओं पर नजर रखे हुए है. 
 
देशभर में आयकर वसूली लक्ष्य की बात की जाए तो 11 लाख 50 हजार करोड़ रुपए राजस्व का टारगेट वित्त वर्ष 2018-19 के लिए था. विभाग अब तक 10 लाख 14 हजार 490 करोड़ रुपए वसूल चुका है. विभाग को अब 31 मार्च तक 1 लाख 85 हजार 510 करोड़ रुपए आयकर की वसूली 31 मार्च 2019 तक करनी है. विभाग को सबसे अधिक आयकर मुंबई रीजन से मिलता है, यहां से 3 लाख 82 हजार 935 करोड़ रुपए आयकर वसूली का लक्ष्य रखा है. इसके बाद दिल्ली और बैँगलुरू रीजन का नाम है. 


दिल्ली से 1 लाख 63 हजार 978 करोड़ रुपए और बैंगलुरू से 1 लाख 26 हजार 810 करोड़ रुपए की राजस्व वसूली प्रस्तावित है. सबसे कम राजस्व नागपुर रीजन से आता है. यहां का रिवाइज टारगेट पांच हजार 444 करोड़ रुपए है. विभाग पूरी कोशिश कर रहा हैँ जागरुकता कैंपेन के जरिए लोगों को बकाया आयकर भरने के लिए प्रोत्साहित किया जाए वहीं अग्रिम कर भुगतान के जरिए भी राजस्व आंकड़ों को बढ़ाया जाए. अगर समय से आयकर भुगतान नहीं हो तो फिर कई अन्य तरीके विभाग इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र है.