राजस्थान: प्रदेश में गुर्जर आरक्षण को लेकर चल रहा आंदोलन अब हिंसक रूप लेने लगा है. इसी कड़ी में धौलपुर हाईवे पर रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जहां बाद में लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया और वाहनों को आग लगा दी. प्रदर्शनकारी गुर्जर समुदाय द्वारा चल रहे आरक्षण आंदोलन का समर्थन कर रहे थे. 
 
वहीं रेल और सड़क मार्ग पर आंदोलनकारियों के धरने के कारण कई जिलों में यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा राज्य के कई जिलों में इसके कारण जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पर काफी असर पड़ा है. बताया जा रहा है कि आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित सवाई माधोपुर में रविवार को भी 500 के करीब आंदोलनकारी पटरियों पर जमे हुए हैं. जिनकी संख्या हर दिन दोपहर 2 बजे तक 2000 से 2500 तक पहुंच जाती है. 


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बता दें कि गुर्जर आरक्षण के लिए हो रहे आंदोलन के कारण शनिवार को भी दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग लगातार दूसरे दिन भी प्रभावित रहा था. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में गुर्जर समुदाय के लोग मलारना और निमोदा रेलवे स्टेशनों के बीच रेल पटरी को लगातार बाधित किए हुए हैं, जिसके कारण मुंबई-दिल्ली मार्ग पर रेल गाड़ियों का संचालन बाधित है. 


इस कारण रेलवे प्रशासन ने निजामुद्दीन-इंदौर एक्सप्रेस और देहरादून एक्सप्रेस सहित कई अन्य रेलगाड़ियां रद्द कर दी. इन मार्गो पर यात्रा करने वालों को आंदोलन के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. रेलगाड़ियां रद्द होने और मार्ग बदले जाने के कारण दूसरे राज्यों के यात्रियों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा पटना-अहमदाबाद रेल मार्ग को बदल दिया गया है और जयपुर बयाना एक्सप्रेस को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया है. हजरत निजामुद्दीन-उदयपुर मार्ग को भी बदल दिया गया था.


इसी तरह, फिरोजपुर कैंट-मुंबई रेलगाड़ी, अहमदाबाद-श्री विष्णु देवी कटरा रेलगाड़ी, मुंबई सेंट्रल-अमृतसर रेलगाड़ी का मार्ग भी बदला गया है. दिल्ली से आने वाली रेलगाड़ियों को बयाना में रोक दिया गया है.हालांकि शनिवार को गहलोत सरकार का 3 सद्स्यीय प्रतिनिधिमंड़ल राज्य में मंत्री विश्वेंद्र सिंह के सवाई माधोपुर पहुंचा था. जिसने आंदोनकारियों से वार्ता करने का प्रयास भी किया. राज्य सरकार के इस प्रतिनिधिमंडल के साथ गुर्जर समुदाय के प्रतिनिधियों की बातचीत में कमेटी की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर बातचीत करने की बात कही गई थी. 


वहीं राजस्थान के सीएम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा था कि पिछली बार भी उनकी अधिकतर मांगे राज्य सरकार द्वारा मानी गई थी. इस बार भी उनसे बातचीत करने के लिए तीन मंत्रियों की कमेटी बना दी गई है. लेकिन गुर्जरों की जो मांगे हैं उनका ताल्लुक केंद्र सरकार से है. मांग संविधान संशोधन करके ही पूरी हो सकती है, यह बात गुर्जर नेता बैंसला को समझना चाहिए. इसलिए उनका आंदोलन करना समझ से परे है.'