भरतपुर में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक बना जंग का मैदान, जमकर हुआ हंगामा, पर्यटन मंत्री नाराज होकर लौटे
भरतपुर में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल जंग का मैदान बन गया. मैच में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए खिलाड़ियों ने हंगामा किया. फिर स्थिति को नियंत्रण करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी.
भरतपुरः जिले में शनिवार को राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल के समापन के दौरान जमकर हंगामा हुआ. स्थिति यह बन गई कि प्रतियोगिता का समापन करने पहुंचे पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह नाराज होकर वापिस लौट गए. स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा. जिसने नारेबाजी कर रहे है खिलाड़ियों को खदेड़ा. खिलाड़ियो ने जिला खेल अधिकारी और मैच के आयोजनकर्ताओं पर मिलीभगत का आरोप लगाया. मैच दुबारा कराने की मांग की. खिलाड़ियों का आरोप है कि खेल की भावना नहीं ,मेलजोल की भावना अपना रहे हैं. जिला खेल अधिकारी और कोच ?
हंगामे और विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मैच को शाम तक के लिए टाल दिया गया है. वहीं, मामले में पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बयान देते हुए कहा है कि इस मैच को बिगाड़ने के लिए मैच के आयोजक जिला नोडल अधिकारी, जिला परिषद सीईओ, श्रीनिधि बीटी और जिला खेल अधिकारी सत्यप्रकाश लुहाच जिम्मेदार हैं. दोनों के खिलाफ कार्रवाई होगी. मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा है कि सरकार खेल का आयोजन खेल की भावना से करा रही है, लेकिन दोनों ने कासौट गांव के खिलाड़ियों के साथ किया, भेदभाव और दुर्व्यवहार किया. आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला.
भरतपुर के लोहागढ़ स्टेडियम में आज राजीव गांधी ग्रामीण ऑलम्पिक खेल प्रतियोगिता का समापन होना था, जिसके लिए पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह लोहागढ़ स्टेडियम पहुंचे थे. इस दौरान कबड्डी के मैच को लेकर सेवर और कासौट गांव की टीम आपस मे भिड़ गए. नारेबाजी व प्रदर्शन करने लगे. कासौट गांव के खिलाड़ियो ने मंत्री विश्वेन्द्र सिंह जिंदाबाद के नारे लगाते हुए मंत्री विश्वेन्द्र सिंह से दुबारा मैच कराने की मांग की. बताया कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है. इस सबको देखकर मंत्री विश्वेन्द्र सिंह नाराज हो गए. वह प्रतियोगिता का समापन किये बिना ही वापिस लौट गए.
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मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने इस पर नाराजगी जाहिर की. मामले में पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बयान देते हुए कहा है कि इस मैच को बिगाड़ने के लिए मैच के आयोजक जिला नोडल अधिकारी जिला परिषद सीईओ श्रीनिधि बीटी व जिला खेल अधिकारी सत्यप्रकाश लुहाच जिम्मेदार हैं. दोनों के खिलाफ कार्रवाई होगी. मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा है कि सरकार खेल का आयोजन खेल की भावना से करा रही है लेकिन दोनों ने कासौट गांव के खिलाड़ियों के साथ भेदभाव और दुर्व्यवहार किया.
दरअसल दो दिन पहले सेवर व कासौट की टीमों के बीच सेमीफाइनल मैच हुआ था, जिसमें 13 अंकों से कासौट की टीम आगे थी. लेकिन जिला खेल अधिकारी और नोडल अधिकारी ने अंकों की गड़बड़ी बताते हुए इस मैच का आयोजन रदद कर दिया था. जिसका कासौट ने विरोध किया तो, कल दुबारा मैच कराया गया. जिसमें कासौट की टीम को पराजित घोषित कर दिया. जिसका कासौट ने विरोध किया. आज जब समापन में फाइनल मैच होना था तो कासौट के खिलाड़ियों ने फिर विरोध प्रदर्शन किया. जिस पर जमकर हंगामा हुआ और मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने अपनी नाराजगी जाहिर की.
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Reporter- Devendra Singh