Rajasthan Politics news : राजस्थान में सियासी घटनाक्रम के बीच अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) को लेकर मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बड़ा बयान दिया है. पूर्वी राजस्थान में बड़े जाट नेता और कभी सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) के खासमखास रहे भरतपुर महाराजा विश्वेंद्र सिंह ने मौजूदा राजनीतिक हालात पर अशोक गहलोत की तारीफों के पुल बांधे है. और उन्हैं सबसे ज्यादा विद्वान बताते हुए कहा कि है वो इन हालातों को अच्छी तरह से संभाल लेंगे.


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विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि दिल्ली आलाकमान हमारे लिए भी सुप्रीम है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए भी सुप्रीम. लेकिन आलाकमान की तरह राजस्थान में अशोक गहलोत ही सुप्रीम है. मुख्यमंत्री जी तीसरी बार सीएम, 14 साल से प्रदेश में मुख्यमंत्री सम्भाल रहे हैं. इस बार भी अपना टर्म पूरा करेंगे. मुख्यमंत्री सबसे ज्यादा विद्वान है. वो मौजूदा घटनाक्रम को कैसे संभालेंगे. वो जानते है. मैं इसमें कुछ नहीं कह सकता हूँ. किसी के ट्वीट से मुझे नहीं कोई सरोकार.


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विश्वेंद्र सिंह ने आलाकमान को लेकर बयान देते हुए कहा कि जहां तक सवाल दिल्ली हाईकमान का है. तो वो हम विधायकों के लिये भी सुप्रीम है. और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए भी सुप्रीम है. उनका फैसला सबको मान्य है. कोई हाईकमान के फैसले के बाहर नहीं जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र में जैसे पार्टी हाईकमान सुप्रीम है. वैसे ही राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुप्रीम है.


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विश्वेंद्र सिंह ने ये बातें भरतपुर सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कही. यहां सर्किट हाउस में आरएलडी विधायक और राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने मंत्री विश्वेन्द्र सिंह से सर्किट हाउस में मुलाकात की. सुभाष गर्ग उस समय चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने कहा था कि जो लोग सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे उनको प्रदेश की कमान सौंपी जा रही है. ऐसे में उनकी मंत्री सिंह से मुलाकात खास अहम है.


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मौजूदा राजनीतिक हालातों के बीच विश्वेंद्र सिंह दोनों गुटों से दूरी बनाए हुए है. लेकिन 2020 के सियासी संकट के समय वो सचिन पायलट के साथ थे. बगावत के बाद उनको मंत्री पद से भी हटाया गया था. लेकिन बाद में फिर से अशोक गहलोत सरकार में मंत्री बनाया गया. इस बार अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों खेमों से सीधे तौर पर तो दूरी बना ली है. लेकिन अशोक गहलोत को राजस्थान का "सुप्रीम" बताकर उन्हौने ये संकेत दे दिए है कि वो किस तरफ है.