`स्टाम्प पेपर पर लड़कियों की नीलामी` मामले में गहलोत सरकार को नोटिस, कहा- बताना होगा क्या कार्रवाई की गई
Bhilwara: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गुरुवार को राजस्थान सरकार को नोटिस दिया है. यह नोटिस राजस्थान के कई जिलों में 8-18 साल की आयु वाली लड़कियों को स्टांप पेपर पर कथित रूप से बेचने को लेकर है.
Bhilwara: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गुरुवार को राजस्थान सरकार को नोटिस दिया है. यह नोटिस राजस्थान के कई जिलों में 8-18 साल की आयु वाली लड़कियों को स्टांप पेपर पर कथित रूप से बेचने को लेकर है. उसके इनकार पर राज्य में जाति पंचायतों के फरमान पर विवादों को निपटाने के लिए उनकी मां के साथ दुष्कर्म को लेकर दिया गया है. आयोग ने सरकार से चार हफ्ते के भीतर नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है. इसमें राजस्थान को बताना होगा कि इस केस में क्या कार्रवाई की गई है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुताबिक, उसने इस संबंध में एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है. NHRC की तरफ से कहा गया कि इस मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से राजस्थान के करीब 6 दर्जन जिलों में लड़कियों की खरीद-बिक्री की जा रही है. इन्हें बाहर भेजा जा रहा है. यहीं नहीं उन्हें शारीरिक शोषण, प्रताड़ना और यौन उत्पीड़न का शिकार भी बनाया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, ऐसा मामला सामने आया जब दो पक्षों के बीच पैसों के लेनदेन और ऋण को लेकर कोई विवाद होता है. इसी केस में पैसे की वसूली के लिए 8-18 वर्ष की आयु की लड़कियों की नीलामी की जाती है. इन लड़कियों को स्टांप पर कथित तौर पर बेचे जाने के आरोप लगे. इसी को लेकर मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने अशोक गहलोत सरकार को नोटिस भेज कर पूछा कि पूरे मामले में क्या कार्रवाई की गई?
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कथित रूप से, भीलवाड़ा में, जब भी दो पक्षों के बीच कोई विवाद होता है, तो पुलिस के पास जाने के बजाय, इसके निपटारे के लिए जाति पंचायतों से संपर्क करते हैं. यहां बच्चियों की माताओं से रेप करने का आदेश दिया जाता है. मामला सामने आने के बाद अब इस पर सियासत भी तेज हो गई है. बीजेपी ने राजस्थान सरकार पर हमला बोला है और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं.