पत्नी की याद में पति ने हॉस्पिटल बनवाने के लिया निर्णय, डॉक्टर का खर्चा उठाने की भी बात कही
भीलवाड़ा न्यूज: पत्नी की याद में पति ने हॉस्पिटल बनवाने के निर्णय लिया है. साथ ही शख्स ने डॉक्टर का खर्चा उठाने की भी बात कही है. शख्स की पत्नी की मृत्यु कोरोना वायरस की वजह सो हो गई थी.
Bhilwara: कहते हैं कि प्यार में लोग कुछ भी कर गुजरने को तैयार होते हैं. शाहजहां ने अपनी पत्नी की याद में ताजमहल बनवा दिया. ऐसी ही प्यार की एक खूबसूरत कहानी भीलवाड़ा से सामने आई जहां एक पति ने अपनी पत्नी की याद में अपने पैतृक गांव में 2.38 करोड़ की लागत से हॉस्पिटल बनाने का फैसला किया है.
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश वैष्णव ने बताया कि बरड़ोद मे जन्म लेने वाले सेठ शांति लाल जैन वर्तमान निवासी मुंबई जिनकी पत्नि की कोरोना काल में हॉस्पिटल में सुविधा नहीं मिलने के कारण निधन हो गया था उन्होंने अपनी पत्नी की याद में बरड़ोद में 2 करोड़ 38 लाख से अधिक रुपए की लागत से हॉस्पिटल निर्माण करवाने का फैसला लिया.
अर्श से लेकर फर्श तक लाख कोशिशों के बाद सरकार ने जैन की पत्नी के नाम पर बरड़ोद में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नए भवन के निर्माण के लिए स्वीकृति जारी की. स्वीकृति मिलने के बाद भूमि पूजन कार्यक्रम एवं शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सहाड़ा विधायक गायत्री देवी त्रिवेदी, प्रतिनिधि रणदीप त्रिवेदी, जिला कलेक्टर आशीष मोदी, भामाशाह शांति लाल, संजय जैन, विशिष्ट अतिथि CMHO मुस्ताक खान, मनीष मेवाड़ा आसींद विधायक प्रत्याशी, डिप्टी CMHO डीपी गोस्वामी, हमीरगढ़ एसएचओ भंवर लाल, पूर्व सरपंच मेघ सिंह, गाडरमाल सरपंच बद्री लाल जाट आदि मौजूद रहे. कार्यक्रम में अतिथियों ने भवन के शिलान्यास कार्य की नींव रखी.
CMHO डॉ मुस्ताक खान ने बताया कि हमीरगढ़ क्षेत्र बरड़ोद में बजट घोषणा में पीएचसी केंद्र की स्वीकृति दी गई थी. जिसकी नींव रखी गई. जिसमें बरड़ोद निवासी शांति लाल जैन अपनी धर्मपत्नी सौ.रतनी देवी शांतिलाल जैन (रायसोनी) राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नाम इस हॉस्पिटल निर्माण कार्य में 2 करोड़ 38 लाख रुपये खर्च करेंगे.
हॉस्पिटल 1 वर्ष मे बनकर तैयार होने की उम्मीद है और उन्होंने कहा कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनने से आसपास के एक दर्जन से अधिक गावों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा और अपनी तरफ से एक डॉक्टर व अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाएंगे. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन बनने से लोगों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में में भी उन्होंने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को सस्ता और सुगम इलाज यहीं मिल जाएगा.
भामाशाह शांतिलाल जैन ने कहा कि कोरोना के दौरान उनकी पत्नी रतनी देवी पॉजिटिव हुईं तो उन्हें शहर के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया. जहां इलाज में लापरवाही और सुविधाओं के अभाव में उनकी मौत हो गई. पत्नी की मौत से आहत शांतिलाल ने उठावने के दौरान ही सेवा का प्रण लिया और गांव में हॉस्पिटल बनाने की ठानी.
उन्होंने कहा कि मुझे गांव की सेवा करना है, ऐसी सोच है की हर गरीब परिवार को हर सुविधा मिले व निशुल्क मिले. आसपास कहीं पर भी शमशान भूमि बनाना है उसके लिए भी मैं तैयार हूं, इस गांव में मैंने जन्म लिया है इस गांव पर मेरा ऋण बहुत है. साथ ही इसी उदेश्य से रायसोनी परिवार की 5 बेटियों ने मिलकर हॉस्पिटल मे एक एंबुलेंस भेंट करने की भी घोषणा की.
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