Bhilwara news: जिले के कोटड़ी थाना क्षेत्र में हुई घटना की जांच के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य प्रीति भारद्वाज ने सोमवार को घटना स्थल का दौरा किया.उन्होंने पीड़ित परिवारजनों से मिलकर संपूर्ण घटना की जानकारी ली तथा उन्हें ढांढस बंधाया. उन्होंने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के संबंध में आश्वस्त किया. साथ ही जांच अधिकारी से घटना से संबंधित जानकारी ली एवं प्रकरण में जारी अनुंसधान के बारे में जानकारी लेते हुए बताया कि घटना की विस्तृत रिपोर्ट आयोग अध्यक्ष को प्रेषित की जाएगी. 


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प्रीति भारद्वाज ने घटना से संबंधित विभिन्न विभाग श्रम विभाग, फैक्ट्री एवं बॉयलयर्स विभाग, शिक्षा विभाग सहित अन्य विभाग अधिकारियों से घटना को लेकर जानकारी ली एवं चल रही कार्यवाही को गति प्रदान करने के दिशा निर्देश दिए. उन्होंने पीड़िता से संबंधित विभिन्न दस्तावेजों का अवलोकन किया. जिले में संचालित अवैध भट्टियों को हटाने के संबंध में त्वरित कार्यवाही को कहा. साथ ही विभिन्न धाराओं के कार्यवाही के निर्देश दिए. इससे पूर्व सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मुश्ताक खान, डॉ. देवेन्द्र शर्मा बीसीएमओ शाहपुरा तथा बीसीएमओ डॉ. सुबोध ने आयोग की सदस्य प्रीति भारद्वाज को मेडिकल जांच संबंधी प्रक्रिया की प्रगति से अवगत कराया.


उन्होंने प्रकरण संबंधी कानूनी प्रक्रिया तथा मेडिकल एग्जामिनेशन पर विस्तारपूर्वक चर्चा की. पुलिस विभाग से जांच अधिकारी ने प्रकरण के संबंध कार्यवाही के बारे में बताया. प्रभारी मंत्री डॉ महेश जोशी व जिला कलक्टर पहुंचे घटनास्थल - ज़िले के प्रभारी मंत्री व जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, जिला कलक्टर आशीष मोदी तथा जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू भी पीड़ित परिवार के घर पहुंचे तथा पीड़िता के परिजनों से मिलकर दुख की इस कठिन घड़ी में उन्हें सहानुभूति प्रदान की एवं प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास करने की बात कही.


इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) ब्रह्मालाल जाट, उपखण्ड अधिकारी विनोद कुमार, गुलाबपुरा उपखण्ड अधिकारी निशा सारण, बाल अधिकारिता के सहायक निदेशक धर्मराज प्रतिहार व गौरव सारस्वत मौजूद रहे.इसके पश्चात आयोग सदस्य प्रीति भारद्वाज ने सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता की तथा की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने मामले में पीड़िता और उसके परिवार की पहचान सोशल मीडिया पर उजागर किए जाने के विषय ने चिंता ज़ाहिर कर आयोग अध्यक्ष से मामले में गंभीरता दिखाते हुए सोशल मीडिया पर मैसेज सर्क्यूलेट करने की बात कही है, ताकि इस तरह किसी भी पीड़िता की पहचान उजागर ना की जाए.


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