Rajasthan News: भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ क्षेत्र में बजरी लीज क्वारी लाइसेंस समाप्त होने के बाद इन दिनों माफिया गिरोह तेजी से सक्रिय हो रहा है. मिली जानकारी के अनुसार, पिछले दो महीनों से बनास नदी में बजरी का अवैध खनन और परिवहन धड़ल्ले से किया जा रहा है. इस फर्जीवाड़ा में शामिल लोगों पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. बालू माफिया बिना किसी के डर के बनास नदी से बालू ले जा रहे है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

महंगे दामों पर बेच रहे अवैध खनन की बजरी
जानकारी के अनुसार, बनास नदी से रोजाना शाम होते ही देर रात तक 100 से अधिक वाहनों में बालू भरकर कोटा की ओर ले जाई जा रही है. ये बजरी भरे ओवरलोड डम्पर- ट्रक-ट्रैक्टर ट्रॉली बड़लियास, बीगोद, बेगूं, काछोला, बिजौलियां और माण्डलगढ़ थाना क्षेत्र से बेखौफ होकर निकल जाते हैं. इस दौरान इनसे किसी तरह की पूछताछ नहीं की जाती है. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि बजरी माफिया से पुलिस और प्रशासन की कहीं न कहीं मिलीभगत हो सकती है. साथ ही बालू माफिया और जिम्मेदार अफसरों की मिलीभगत से माण्डलगढ़ के आसपास भी अवैध खनन की बजरी आम लोगों को महंगे दाम से खरीदनी पड़ रही है. 


अंधाधुंध बजरी खनन से नीचे जा रहा नदी का जलस्तर
खनन माफिया द्वारा बनास नदी में जेसीबी मशीनों से अंधाधुंध बजरी का खनन करने से नदी में बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं. वहीं, बजरी की नदी में छलनी करने से जगह-जगह पत्थरों के ढेर नजर आने लगे है. साथ ही बेतरतीब बजरी खनन होने से बनास नदी का जलस्तर नीचे चला गया है और नदी के बहाव के साथ पर्यावरण भी प्रभावित होने लगा है. इस अवैध खनन को बंद करने के लिए स्थानीय ग्रामीणों और पूर्व लीज धारक के नुमाइंदों ने प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को कई बार शिकायत की, लेकिन बजरी के अवैध खनन का कारोबार दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है.


ये भी पढ़ें- जिला परिषद की बैठक में जल जीवन मिशन पर उठा सवाल, खामियां को दूर करने पर हुई बात