childhood days: बचपन में आपने दादा-दादी और नाना-नानी से मुंह से बहुत सी कहानियां सुनी होंगी. तेजी से बदलती इस दुनिया में अब ये कहनियां सिर्फ यादें ही बनकर रह गई हैं. स्मार्टफोन से जब छोटे बच्चों का मनोरंजन नहीं होता था तब दादा-दादी की कहानियां ही बच्चों का मनोरंजन का साधन होती थी. 


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बच्चे इन कहानियों से कई तरह की सीख लेते थे. इस तरह की दादी की कहानी के बारे में आपको बताते हैं. ये कहानी  60 वर्षीय बुजुर्ग महिला देव नानी ने सुनाई है.


क्या है कहानी


जब पुराने जमाने में हॉस्पिटल और चिकित्सक नहीं होते थे उस दौरान एक बार देर रात के समय भूत एक व्यक्ति 60 साल की कोयली भाभा के पास आया. उसने पत्नी की डिलीवरी की बात बताई और कोयली को साथ ले जाने की बात कही.


जिसके बाद कोयली उसके साथ चली गई. दोनों चलते-चलते बावड़ी तक पहुंचे. बावड़ी में पानी भरा हुआ था. इस दौरान कोयली ने पूछा अब पानी में से कैसे जाएंगे तो व्यक्ति ने पानी को दो भागों में बांट दिया. जब पानी दो भागों में बंट गया तो कोयली को व्यक्ति के भूत होने का शक हो गया. फिर कोयली ने जगह पर पहुंच पर महिला का प्रसव करवाया. महिला को लड़का हुआ.


सारा काम होने के बाद कोयली जब घर जाने लगी तो भूत व्यक्ति ने कहा कि आपको इस खुशी के बदले में क्या दूं.तब कोयली को भूत ने कोयले दिए.कोयली ने सोचा की इन कोयलों का क्या करूंगी इस वजह से कोयली रास्ते में कोयले फेंकते हुए घर गई. एक कोयला उसके पास ही रह गया. सुबह उठकर उसने देखा की कोयला सोना बन गया है.इस तरह कोयली ने सोने के कोयले को बेच कर खेत खरीद लिया. आज भी वह ये कहानी बच्चों को सुनाती हैं.