Sahara: जिले की सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में गंगापुर उपखंड मुख्यालय पर इंदिरा शिशु निकेतन में पंचतत्व चिकित्सा पद्धति के शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में 400 रोगियों का इस पद्धति के द्वारा उपचार किया गया. 


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आचार्य ब्रजमणि शास्त्री ने बताया कि आज समाज में दवाई के नाम पर जहर के अलावा कुछ भी नहीं दिया जाता है. कोई भी बीमार व्यक्ति बीमार होने के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में नाकाम रहता है. आज के इस महंगाई के दौर में अगर यह चिकित्सा संपूर्ण भारत में लागू कर दिया जाए तो चिकित्सा खर्च जीरो हो जायेगा. 


यह पंचतत्व चिकित्सा पद्धति है, जैसे की सभी प्राचीन कालीन ग्रंथो, पुराणों, शास्त्रों में लिखा हुआ है. हमारा शरीर पंच तत्वों से बना है, पंच तत्वों से संचालित होता है, पंच तत्व में विलीन होगा. इन पंच तत्वों को स्वस्थ रखने का काम भी पुराणों में जो विधि के अनुसार लिखा है, उसे उसी के अनुसार किया जाना भी आवश्यक है. आज के दौर में अत्याधुनिक तकनीकों की दवाईयों ने हमें और ज्यादा बीमार कर दिया है यानी हमारा शरीर जब पंच तत्व से बना है. पंच तत्व इस शरीर में मौजूद है, अगर शरीर में किसी भी तरह की बीमारी आती है, तो भी पंचतत्वों के कारण आति है और ठीक भी उन्ही पंच तत्वों से किया जा सकता है. 


शिविर में साथी गौरव कुलक्षेत्र, विमल रानीपा, अमोल दमाहे, दिनेश पाल सिंह, रणजीत सिंह राव, गौरव पुरी, मनोज कुमार चावला, बनवारी कुशवाह,मनीष शाह, जतिन भाई, मनीष मित्तल, अल्का सक्सेना, रचना भटनागर सहित सभी पंचतत्व आरोग्यम सेवा संस्थान के पदाधिकारियों ने शिविर में पहुंचे रोगियों का इस पद्धति से उपचार किया. इस दौरान शिविर में जगदीश झंवर, शोभा लाल जीनगर, सुनील जोशी, मुरली सालवी, दिनेश लक्ष्कार, कुलदीप सोलंकी सहित समाजसेवियों के द्वारा अपनी सेवाएं दी गई. 


Reporter- Mohammad Khan


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