Bhilwara: मंगलवार दोपहर भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट में एक अजब वाक्य घटित हुआ , कोर्ट की एक टीम कलेक्टर और तहसीलदार की गाड़ी और कुर्सी कुर्क करने पहुंच गई जिसे देख हर कोई आश्चर्यचकित हो गया. हालांकि बाद में कार्यवाही को टाल दिया गया. मिली जानकारी के मुताबिक 23 साल पुराने नीलामी में खरीदी फैक्ट्री को भुगतान देने के बावजूद मालिक को सुपुर्द नहीं करने के मामले में भीलवाड़ा न्यायालय ने जिला कलेक्टर और  तहसीलदार की कुर्सी-गाड़ी कुर्क करने का आदेश दिया. 


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इस लिए टाल दी गई कार्रवाही


आदेश के बाद कोर्ट की एक टीम मंगलवार दोपहर को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची, लेकिन कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया जा गया. कोर्ट से आई टीम के सदस्य का कहना था कि फिलहाल इस कार्यवाही को आगामी आदेश के लिए रोक दिया है. उधर परिवादी ने बताया कि वर्ष 2000 में आरएफ़सी की नीलामी में उन्होंने एक फैक्ट्री खरीदी थी, भुगतान के बावजूद भी तहसीलदार ने संपत्ति उसके नाम नहीं की जिसके चलते उसने न्यायालय की शरण ली थी और आज तहसीलदार व कलेक्टर की गाड़ी व कुर्सी को कुर्क करने का आदेश दिया गया . 


जिला कलेक्टर ने ये कहा



जिला कलेक्टर का इस संबंध में कहना है कि तत्कालीन तहसीलदार द्वारा चूक हुई है मामले की जांच करवा कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी .ज़िले के हाकम की गाड़ी और कुर्सी की कुर्की ज़रूर रुक गई लेकिन आमजन में न्यायालय की इस कार्यवाही को लेकर चर्चाओं का दौर दिन भर जारी रहा.


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