Rajasthan News: राजस्थान में माता रानी का एक ऐसा मंदिर है, जो श्मशान घाट में है. ये माता श्मशान वाली काली के नाम से जानी जाती हैं. यह एक अनोखा मंदिर है. लोग वैसे तो श्मशान घाट जाने से डरते हैं लेकिन यह एक ऐसा मंदिर है, जहां देर रात भी भक्त आते हैं. 


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काली माता के इस मंदिर में भक्त दूर-दूर से आते हैं. यह मंदिर भीलवाड़ा शहर में है, पंचमुखी मोक्ष धाम में मां श्मशान काली का मंदिर है. यहां दिन के साथ रात में भी भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान अनुष्ठान किए जाते हैं, जिसमें दूर-दूर से लोग आते हैं. 



भीलवाड़ा के पंचमुखी मोक्षधाम में प्राचीन मसानिया भैरूनाथ मंदिर में 7 साल पहले काली माता का आगमन कलकत्ता कालीगढ़ से हुआ था. यहां माता रानी की पूजा दिन में ना करके आधी रात में की जाती है. लोगों की मान्यता है कि जो लोग नशे का आदी है, उसे माता रानी का रूद्राक्ष लेने से कुछ दिनों में नशा छोड़ देता है. 



यहां काली माता की गोद भराई की जाती है, जिसमें मां की झोली में श्रीफल डाला जाता है. कहते हैं कि निसंतान को संतान सुख मिल जाता है. 



यह शमशान राजस्थान का एकमात्र एक ऐसा श्मशान है, जहां सभी देवी-देवताओं के मंदिर हैं. यहां पूरी देश से भक्त आते हैं. इस मंदिर में आधी रात में अनुष्ठान किए जाते हैं, जिसमें महिला, पुरूष और बच्चे भी शामिल होते हैं. 



इस मंदिर में काली मां की प्रतिमा कोलकाता के कालीगढ़ से आई थी, जिसका वजन 500 किलो से ज्यादा है. कहते हैं कि माता रानी का सिंदूर लगाने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामना पूरी होती है. 
 
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.