भीलवाड़ा: दुनिया में एक से बढ़कर एक सांप हैं, जिनमें से कुछ खतरनाक और जहरीले हैं, लेकिन अजगर का नाम अलग ही किस्म का खौफ भरने के लिए काफी है. ये एक ऐसा जीव है जिससे ना सिर्फ जानवर बल्कि इंसान भी दूर रहने में अपनी भलाई समझते हैं. अगर किस्मत साथ दे जाए तो ही इससे बचा सकता है. वरना बचना बड़ा मुश्किल है. भीलवाड़ा-उदयपुर रोड पर मुजरास टोल नाके के निकट फार्म हाउस से दो अजगर होने की सूचना मिली, जहां से रेस्क्यू टीम ने 12 फीट लम्बे अजगर का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा, जबकि दूसरा अजगर चट्टानों के बीच छिप गया जो पकड़ा नहीं जा सका.          


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जानकारी के अनुसार मोहन मंगरी स्थित देबीलाल गुर्जर के फार्म हाउस पर दो अजगर देखे जाने की सूचना मिलने पर वन्य जीव रक्षक कुलदीप सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. जहां करीब 12-13 फिट के लम्बे अजगर को तो उन्होंने सुरक्षित पकड़ लिया. जबकि एक अन्य अजगर चट्टानो में छिप गया. वन्यजीव रक्षक स्नेक कैचर सिंह ने कहा कि अजगर सर्दी बर्दाश्त नहीं कर पाते. 



धूप सेकने बाहर निकलते हैं, मोहन मंगरी से पकड़े गए. अजगर को बाद में सुरक्षित स्थान पर जंगल में छोड़ दिया गया. वहीं, वन्यजीव जीव रक्षक सिंह ने आमजन से अपील करते हुए कहा की आप को भी अगर कहीं वन्यजीव दिखाई दे तो नहीं मारने और छेड़ने की कोशिश नहीं करें. तत्काल इसकी सूचना वन विभाग, पुलिस थाने या वन्यजीव रक्षक टीम को दे ताकि उनको सुरक्षित रेस्क्यू कर प्रकृति परिवेश जंगल में छोड़ा जा सके. वन्यजीवों को मारना कानूनन अपराध है, साथ ही इनका भी प्रकृति में जिंदा रहना जरूरी है.


 


उन्होंने कहा कि जाहिर सी बात है कि इंसान को निगलने के मामलों में अजगर काफी बड़ा होता होगा और इंसान थोड़ा छोटे कद का. ऐसे में यह समझ लीजिए कि 12 फीट से लंबा अजगर ही इंसानों को निगल सकता है. वह कहते हैं कि अगर पाइथन से सामना होता है तो समझदारी इसी में है कि आप फौरन भाग लीजिए. इसमें कोई रॉकेट साइंस नहीं है. अजगर के सामने ''हीरो'' बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.


Reporter- Mohammad Khan


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