Sahara: भील समाज ने मनाया आदिवासी दिवस, उल्लाई राणा पूंजा खैल मेदान में हुई कबड्डी प्रतियोगिता
भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में राजस्थान भील समाज विकास समिति सहाड़ा ने भील राणा पुंजा भवन उल्लाई चौराहा पर आदिवासी दिवस मनाया.
Sahara: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में राजस्थान भील समाज विकास समिति सहाड़ा ने भील राणा पुंजा भवन उल्लाई चौराहा पर आदिवासी दिवस मनाया. भील समाज पदाधिकारी गेहरू लाल भील ने बताया कि पूरी दुनिया में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. वर्ष 1982 में शुरू हुई इस परंपरा का हर साल पालन किया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र बड़े पैमाने पर इसका आयोजन करता है, ऐसा माना जाता है कि आदिवासी के कारण आज भी पर्यावरण और संस्कृति जिंदा है. इनके पसीने से आज भी कई बड़ी इमारतें चंद महिने में खड़ी हो जाती हैं, इन्हीं के अधिकारों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करने के साथ ही उनके योगदानों को स्वीकार करने के लिए 9 अगस्त को आदिवासी दिवस मनाया जाता है. इसमें उनकी लोक गाथाओं ,संस्कृति की हर जगह प्रस्तुति होती है.
यह भी पढ़ें - स्वच्छ जैसाणा अभियान : जैसलमेर कलेक्टर टीना डाबी ने सड़क पर लगाया झाड़ू, स्वच्छता का दिया संदेश
हर साल कितने पेड़ और जंगलों को काट कर आदिवासियों के घर यानी उनके जंगल का विनाश कर रहे है. इस कार्यक्रम में हर साल की तरह तृतीय कब्बडी प्रतियोगिता का आयोजन सरपंच ग्राम पंचायत उल्लाई प्रेमलता कुमावत ने उद्घाटन कर मैच की शुरूआत कराई है. साथ ही शिक्षा का बढ़ावा देने के लिए वर्तमान में अध्ध्यनरत विद्यार्थियों नन्हें बालक-बालिकाओं को पुरस्कृत किया गया.
कबड्डी प्रतियोगिता में भील प्रदेश टीम विजेता और लक्ष्मीपुरा टीम उपविजेता रही. कार्यक्रम में श्याम लाल भील, सरपंच लाखोला और तहसील अध्यक्ष अम्बालाल भील, भूतपूर्व सरपंच कांगणी लक्ष्मण लाल, बहादुर सिंह, बद्रीलाल कुमावत, रामचंद्र गुढा, हिरामाराज, आरक्षण समिति के अध्यक्ष देवी लाल भील, लादुलाल रायपुर, भेरू लाल भील पार्षद, नंद लाल भील उपस्थित थे.
Reporter: Mohammad Khan
भीलवाड़ा की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खबरें और भी हैं...
राजस्थान के इस गांव में 36 घंटे तक होता रहा गैस रिसाव, लोगों की सांस फूली, फसलें बर्बाद
जयपुर में फिरौती मांगने का डरावना तरीका, राखी के साथ भेजे कारतूस, मांगी फिरौती
पहले कोरोना, फिर मंकीपॉक्स और अब लैंग्या वायरस, जानें कितना खतरनाक है ये