Bikaner News: मां करणी की भक्ति व आस्था से सरोबार करणी भक्त मां करणी की पवित्र ओरण की 12 कौसी (36 किमी) पैदल परिक्रमा करते हैं. कार्तिक माह की शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को वार्षिक ओरण परिक्रमा की जाती है. इस रात्रि की ओरण परिक्रमा का जनमानस में विशेष आध्यात्मिक महत्व माना जाता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ेंः राजस्थान में बढ़ेगी सर्दी, एक्टिव होगा पश्चिमी विक्षोभ, पड़ेगी कड़ाके की ठंड


मां करणी की भक्ति व आस्था में लीन कई अनन्य अभीष्ट मन्नत के लिए भक्त दंडवत परिक्रमा भी करते है लेकिन एक ऐसा भी करणी भक्त है जिनकी श्रद्धा,आस्था व भक्ति अद्भुत है. कोई मन्नत नहीं, कोई स्वार्थ नहीं, कोई मांग नहीं, केवल भक्ति और श्रद्धा से सरोबार यह 75 वर्षीय बुजुर्ग करणी भक्त चौथी बार मां करणी की पवित्र ओरण की दंडवत परिक्रमा कर रहे हैं. 


देशनोक निवासी व कोलकाता प्रवासी व्यवसायी गोपाल दास राठी की. राठी मां करणी के अनन्य भक्त है. राठी मां करणी की भक्ति में इस कदर लीन हो चुके है कि 75 वर्ष की आयु में भी वो चौथी बार करणीमाता ओरण की 12 कौसी (लगभग 36 km) दंडवत परिक्रमा कर रहे हैं. राठी के साथ उनका भतीजा विजय राठी व पारिवारिक मित्र रोहित सेठिया भी ओरण की दंडवत परिक्रमा कर रहे हैं. विजय पांचवी बार जबकि सेठिया पहली बार दंडवत परिक्रमा कर रहे हैं. 


भक्ति में शक्ति का पर्याय बन चुके 75 वर्षीय राठी ने 2023 में कोलकाता से देशनोक करणी माता के दर्शन हेतु पैदल यात्रा की थी.13 अगस्त 2023 को कोलकाता से पैदल यात्रा शुरू कर 5 अक्टूबर 2023 को 54 दिनों में 1870 किलोमीटर की यात्रा पूर्ण कर देशनोक पहुंचकर मां करणी के दर्शन किए. देशनोक पहुंचने पर करणी भक्त राठी का देशनोक में भव्य स्वागत हुआ था. 


75 वर्षीय गोपाल दास राठी ने उम्र को मात दे कर चौथी बार करणीमाता ओरण की चौथीबार दंडवत यात्रा पर हैं. इस 12 कौसी ओरण दंडवत यात्रा का शुभारंभ राठी ने 2 नवंबर को किया था, जिसका समापन अनुमानित 12 नवंबर को करेंगे. समापन पर राठी परिवार द्वारा मां करणी को छप्पन भोग लगाया जाएगा. राठी ने पहली दंडवत यात्रा 2018 में की थी. 


यह भी पढ़ेंः उदयपुर के होटल में थाईलैंड से आई लड़की, कमरा नंबर 104 में आधी रात में हुआ कांड


दूसरी व तीसरी दंडवत यात्रा क्रमशः 2021 व 2022 में की. राठी के साथ उनके भतीजे विजय राठी (41वर्ष) भी अपनी पांचवी दंडवत यात्रा कर रहे हैं. विजय ने भी अपनी पहली दंडवत यात्रा 2018 में की थी. उसके बाद विजय ने 2021, 2022, 2023 में दूसरी, तीसरी व चौथी दंडव यात्रा की थी. राठी की दंडवत परिक्रमा से प्रेरित होकर उनके पारिवरिक मित्र रोहित सेठिया (35 वर्ष) प्रवासी कोलकाता अपनी पहली दंडवत यात्रा कर रहे हैं. 


करणी भक्त गोपाल दास राठी, गणेश दास राठी परिवार द्वारा दंडवत यात्रा के समापन पर मां करणी को छप्पन भोग लगाया जाएगा. राठी परिवार द्वारा मां करणी को 17 वीं बार छप्पन भोग का प्रसाद लगाया जाएगा. 2007 में राठी परिवार ने पहलीबार कार्तिक शुक्लपक्ष चतुर्दशी को मां करणी को छप्पन भोग लगाया था, जो अबतक प्रतिवर्ष जारी है.