Bikaner, Lunkaransar: आजीविका का साधन हटने से मन में अपार पीड़ा और आंखों में दर्द के आंसू,साहब रास्ता भले ही चौड़ा कीजिए, मगर हमारी रोजी-रोटी के लिए पुनर्वास कीजिए. ये गुहार है उन छोटे दुकानदारों की जो वर्षो से नापासर बाजार में रेहड़ी और खोखा लगाकर अपना ओर अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे है.


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कस्बे के मेन बाजार में सम्भागीय आयुक्त के आदेश पर सभी प्रकार की खोखेनुमा दुकानों और अवैध अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद से बाजार में खलबली मची हुई है. सोमवार शाम को बीडीओ दिनेशचन्द्र मिश्रा ने पंचायत कार्मिकों के साथ मिलकर बाजार में बन्द पड़े चिह्नत किए खोखे रेहड़ी हटवाए थे. कुछ ने पहले खुद ही हटा लिए. इसके बाद मंगलवार दोपहर को बुधवार शाम 5 बजे तक सभी प्रकार के खोखे और अतिक्रमण की जद में आने वाले निर्माण को हटाने की मुनादी करवाई गई. बुधवार को खोखाधारको के एक प्रतिनिधण्डल के साथ सरपंच प्रतिनिधि रतिराम तावनिया बीकानेर में सम्भागीय आयुक्त के पास कुछ समय देने व पुनर्वास की मांग को लेकर पहुंचे मगर आयुक्त द्वारा कार्यवाई रोकने का स्पष्ट मना कर दिया गया.


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बुधवार शाम को प्रतिनिधिमंडल जैसे ही नापासर पहुंचा लोगों में दहशत का माहौल हो गया. गुरुवार सुबह संभागीय आयुक्त के आने की खबर कस्बे में चारों तरफ आग की तरह फैल गई. आंखों में पानी लिए अपनी आजीविका का साधन हटने से मन मे अपार दर्द लिए खोखाधारको ने अपने-अपने खोखे हटाने शुरू कर दिए. मुख्य बाजार गीता देवी बागड़ी बालिका विद्यालय के पास स्थित खो-खो में से 40 परसेंट खोखे लोगों ने स्वयं हटाने शुरू कर दिये. वर्तमान में बाजार में काफी भीड़ और हलचल हैं और अफवाओ के चर्चे जोरो पर है. हालांकि जिला या ग्राम पंचायत प्रशासन से कोई अधिकारी बाजार नही पहुंचे है और ना ही कोई नोटिस लिखित में अभी तक दिया गया है.


Reporter- Tribhuvan Ranga