केंद्र की प्रसाद योजना से होगा कपिल सरोवर का विकास, राजस्थान को मिलेगी नई सौगात
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के विकास को लेकर बनाई प्रसाद योजना के तहत कई धार्मिक स्थलों नया स्वरूप दिया गया.
Kolayat: केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के विकास को लेकर बनाई प्रसाद योजना के तहत कई धार्मिक स्थलों नया स्वरूप दिया गया. इसी योजना के तहत पश्चिमी राजस्थान के हरिद्वार कहे जाने वाले कपिल सरोवर की अब काया पलट होगी.
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पश्चिमी राजस्थान का हरिद्वार
लाखों श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र कपिल सरोवर दो धर्मों के संगम स्थल के रूप में विख्यात है, जहां पर विष्णु के पंचम अवतार और सांख्य दर्शन के प्रणेता महर्षि कपिल मुनि ने अपने माता को सांख्य दर्शन का ज्ञान देकर तपस्या की. कपिल सरोवर इसमें हर वर्ष हिंदू और सिख धर्म के लाखों श्रद्धालु आस्था कि डुबकी लगा पुण्य लाभ कमाते हैं, लेकिन पिछले दो दशक से ये सरोवर बदहाली के आंसू रो रहा है.
जलीय वनस्पति और कमल बेल ने पूरे सरोवर को अपने आगोश में ले रखा है, जिसके चलते श्रद्धालुओं की आस्था की डुबकी मे खलल पड़ रहा है. कई बार इसके विकास और सफाई को लेकर समय-समय पर क्षेत्रवासी मांग उठाते रहते हैं, लेकिन प्रदेश सरकार हो या केंद्र की सरकार हर बार निराशा हाथ लगी. साथ ही केंद्र सरकार द्वारा इस धार्मिक स्थान को प्रसाद योजना मे सम्मलित करने के साथ ही उन एक नई आस बंधी है कि काशी और बद्रीनाथ की तर्ज पर अब कपिल सरोवर का काया कल्प होगा.
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े धार्मिक आस्था के केंद्र कपिल सरोवर को केंद्र सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा प्रसाद योजना में शामिल कर 60 करोड़ रुपए मंजूर किए है, लेकिन मेने पर्यटन मंत्री से आग्रह कर इसे 150 करोड़ स्वीकृत करने की बात की जो जल्द ही मंजूर हो जाएगी, इसके बाद इसके विकास में चार चांद लग जाएंगे.
स्थानीय निवासी विनोद कुमार ने बताया कि कपिल सरोवर के विकास के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार ने कई घोषणा की, लेकिन सभी योजनाएं कागजी बन कर रह गई. धरातल पर इसका कोई अभी तक लाभ नहीं मिला. प्रसाद योजना मे कब ओर केसे लाभ मिलेगा इस पर आशा टिकी है.
केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत मिलने वाली एक बड़ी राशि से कपिल सरोवर की कायाकल्प होना लगभग निश्चित माना जा रहा है, अगर जिस आशा के साथ इस योजना का बजट मंजूर हुआ है और यह फली भूत हो गई तो वह दिन अब दूर नहीं कि काशी में बने कोरिडोर और बद्रीनाथ के विकास के बाद अब महर्षि कपिल की तपोभूमि भी विश्व पटल पर अपना नाम धार्मिक पर्यटन के रूप में अपना नाम अंकित करवाएगी.
Reporter: Tribhuvan Ranga
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