Do you Know इस व्हेल मछली के दर्द में कराहने से परेशान हो गए वैज्ञानिक भी
Do you Know fin whale tragic story: 40-टन विशाल फिन व्हेल इस समय हर किसी के दिल को झकझोर के रख रहीं है.टूटी रीढ़ की हड्ड़ी के साथ वह समुद्र में तैर रही है जिसको लेकर जीवविज्ञानिक आश्चर्यचकित है.
Do you Know fin whale tragic story: स्पेन में वालेंसिया के तट पर तैरने वाली एक विशाल 40-टन फिन व्हेल को उसके 17-मीटर लंबे शरीर (56 फीट) में एक गंभीर मोड़ के साथ देखा गया है, जो स्कोलियोसिस बीमारी से पीड़ित प्रतीत हो रही है.
40-टन वजनी इस फिन व्हेल को सबसे पहले,वालेंसिया के तट पर एक स्थानीय नाविक ने दूर से देखा,उसे इसे देख कर ऐसा लगा कि वह तैरने के लिए काफी संघर्ष कर रही है, जैसे कोई मछली जाल में पकड़ने जाने के बाद तड़पती हो.
इस तरह की अजीब सूचना मिलने पर वालेंसिया के तट पर जीवविज्ञानी और पशु चिकित्सक पहुंचे और जब उन्होंने इस फिन व्हेल की जांच की तो यह पाया कि उसकी स्थिति वैसी नहीं थी जैसी उन्हें उम्मीद थी, वह उससे भी ज्यादा बुरी स्थिति में थी. ड्रोन के फुटेज से व्हेल की रीढ़ में आए मुड़ाव का पता चलता है, जो उसके शरीर से लगभग आधा नीचे है.
वालेंसिया में ओशनोग्राफिक फाउंडेशन (Fundación Oceanogràfic de València), जिसने फिन व्हेल के लिए बचाव दल भेजा था, उसके एक फेसबुक पोस्ट के अनुसार, फिन व्हेल की चोट इतनी गंभीर है कि इससे उसके शरीर का डिजाइन ही बदल के रख दिया है.
वह इसकी परिस्थितियां जानने के लिए व्हेल को एक ट्रैकर लगाने की सोच रहे थे, लेकिन इसकी रीढ़ में आई चोट ने इसे असंभव बना दिया है. व्हेंल में आई इस तरह की बीमारी को स्कोलियोसिस कहते है जिसको लेकर जीवविज्ञानियों का मानना है कि व्हेल में स्कोलियोसिस बहुत ही कम पाई जाती है. फिन में यह है जो जिज्ञासा का विषय है.
2019 में, एक मिंक व्हेल के रीढ़ में इसे पाया गया था जिससे शोधकर्ताओं को व्हेल में स्कोलियोसिस के शारीरिक प्रभाव का अध्ययन करने का मौका मिला.
उनके निष्कर्ष में यह सामने आया कि मनुष्यों और व्हेल में स्कोलियोसिस के लिए यांत्रिक आधार होते हैं. इंसान किसी भी अन्य स्तनपायी की तुलना में दर्दनाक स्थिति से सब्र रख सकता है. इंसान एकमात्र ऐसी प्रजाति हैं जो बिना किसी स्पष्ट कारण के सहज रूप से स्कोलियोसिस विकसित करने के लिए जानी जाती हैं, जिसे 'idiopathic' scoliosis स्कोलियोसिस कहा जाता है.
दूसरी ओर, व्हेल के शरीर की रचना, इन समुद्री दिग्गजों को कशेरुक स्तंभों के साथ प्रदान करती है जो हमारे सीधे रीढ़ की तुलना में मुद्रा और उपयोग के तनाव के तहत आकार से बाहर झुकने की संभावना कम होती है.
वालेंसिया की फिन व्हेल के मामले में, यह स्पष्ट नहीं है कि इसकी रीढ़ इतनी विकृत कैसे हो गई. जीव वैज्ञानिको का मानना है कि हो सकता है कि किसी बड़े जहाज से टकराने के कारण इसकी यह हालत हुई हौ.
अनुमान बताते हैं कि हर साल विश्व स्तर पर जहाजों के साथ टकराव से 20,000 व्हेल मर जाती हैं, और इनमें से अधिकांश टक्करों में फिन व्हेल शामिल हैं, जो दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा स्तनपायी है और जो समुद्र की सतह के पास काफी समय बिताती है. हंपबैक व्हेल अगले सबसे आम शिकार हैं.
अभी पिछले साल, एक टूटी हुई पीठ के साथ एक हम्पबैक व्हेल को ड्रोन कैमरों द्वारा ट्रैक किया गया था क्योंकि यह उत्तरी ब्रिटिश कोलंबिया से हवाई तक सभी तरह से तैरती थी.