शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला की पाठशाला, कहा- बच्चे मोबाइल से नहीं किताबों से बढ़ें
बीकानेर के सादूलगंज स्थित स्कूल के कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने छात्रों से संवाद किया और इस दौरान शिक्षा मंत्री ने विद्यार्थियों के बीच पहुंचकर उनकी क्लास लगा दी.
Bikaner: राजस्थान के बीकानेर के सादूलगंज स्थित स्कूल के कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने छात्रों से संवाद किया. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने विद्यार्थियों के बीच पहुंचकर उनकी क्लास लगा दी और फिर शुरू हुआ मंत्री और छात्रों के बीच संवाद, जिसने शिक्षा मंत्री की प्रदेश के बच्चों के लिए अपना प्रेम दर्शाया, तो वहीं बच्चे भी इस पाठशाला के चलते बेहद उत्सुक नजर आए.
इसके साथ ही शिक्षा मंत्री बच्चों के बीच संवाद में मैथमेटिक्स से जुड़े सवाल से लेकर जीके तक के सवाल जवाब करते दिखे. वहीं इस दौरान कल्ला ने बच्चों को ऑफलाइन पढ़ाई करने पर जोर देने ओर मोबाइल से दूरी बनाने की भी बात कही. ऐसा बेहद कम देखने को मिलता है. जब प्रदेश के शिक्षा मंत्री बच्चों के स्तर को परखे समझे और फिर निर्णय लिए, लेकिन प्रोफ़ेशन रह चुके डॉक्टर बीडी कल्ला को स्टूडेंट्स से संवाद का बेहद पुराना अनुभव है और शायद आज भी मंत्री कल्ला का ये अनुभव सीधेतौर पर बच्चों की पाठशाला में भी दिखाई दिया.
इस दौरान ज़ी मीडिया से बात करते हुए कल्ला ने कहा कि कोविड पीरियड में यह अनिवार्य था, ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई हो, लेकिन अब ये क्योंकि पूर्व समाप्त हो गया है तो बच्चों को ऑफलाइन क्लासेज में नियमित रूप से आकर के नियमित रूप से खेलना नियमित रूप से पढ़ना नियमित रूप से अपना होमवर्क करना यह बहुत जरूरी है, ताकि यह बच्चे का संतुलित विकास हो सके और बच्चों को किस तरह कैसे बढ़ना है, किस तरीके से संगत करनी है किस तरीके से उनको एटिकेट्स इन सब चीजों के बारे में मेरा अनुभव था, जिसको मैंने शेयर किया उससे मुझे पता लग गया है कि बच्चों का स्टैंडर्ड कैसा है.
साथ ही आपने देखा है कि मल्टीप्लाई का उत्तर सही आया था और भागफल का उत्तर गलत आया था इसका मतलब मैथमेटिक्स में बच्चे थोड़ी कमजोर हैं, उस पर ध्यान देने की आवश्यकता है इसके लिए हमने इसके लिए हमने ब्रिज कोर्स शुरू किया है. अभी कल तीसरी कक्षा के लेकर आठवीं कक्षा तक राजस्थान सरकार पूरे देश में पहली सरकार है. हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को क्रेडिट जाती है कि उन्होंने कहा कि किसी कारण से अगर बच्चे ऑनलाइन नहीं पड़ते पढ़ सके थे तो उनके लिए 20 को लाया जाए. उसमें ऑटोमेटिक अंग्रेजी खास तौर से इन पर ध्यान दिया गया है और इनके ब्रिज कोर्स के माध्यम से हम कोशिश करेंगे.
वहीं अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम के स्कूल के बच्चे संख्या में खोल रहे हैं. 10,000 टीचर की भर्ती कर रहे हैं और जब तक भर्ती नहीं होगी तब तक हम शिक्षा संबल योजना के माध्यम से टीचर से उसके बाद उनको फील्ड में लाकर के बच्चों को पढ़ाएं शुरू करें और ब्रिज कोर्स वाला 294 है जो पहले कभी नहीं हुआ. रूप से बच्चों काम करवाएंगे ताकि बच्चों के स्टैंडर्ड को डिटेन कर पाए हमारी दुआ यही रहती है कि हमारे यहां पर देश देश तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े. वहीं बच्चों का कहना है कि हमें बहुत अच्छा लगा कि डॉक्टर बी डी कल्ला हमारी छोटी सी स्कूल में आए और उन्होंने कुछ सवाल पूछे और बहुत सारे हमें जानकारी दी.
Reporter: Raunak Vyas