Bikaner: रेगिस्तान में लग रहे सोलर प्लांट यहां के वन्य जीवों के लिए खतरा साबित हो रहे हैं. अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई महासभा ने पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में लग रहे प्लांट को लेकर सवाल खड़े किए हैं. इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद वन विभाग हरकत में आया है. जी राजस्थान, इस खबर को बड़ी प्रमुखता के साथ दिखाया जिसके बाद उच्च स्तर पर इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए जांच की बात सामने आया है. जहां रेगिस्तान में सोलर प्लांट से बॉयोडायवर्सिटी खत्म होने से वन्य जीवों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है तो वहीं अब तक लगे प्लांटस ने इस बॉयोडायवर्सिटी को लेकर विभाग से किसी भी तरह की एनओसी ओर एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट नहीं करवाया है.


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 इसका खुलासा जीव रक्षा विश्नोई सभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवराज विश्नोई ने किया. जिसके बाद हरकत में आए वन संरक्षक कार्यालय ने आदेश जारी करते हुए कार्यवाही की बात कही है. विभाग ने वन अधिनियम 1972 और बॉयोडायवर्सिटी अधिनियम 2002 के तहत अब मुकदमा दर्ज और भारत सरकार को भेजी रिपोर्ट भेजने की बात कही है.


वहीं शिवराज विश्नोई में जी मीडिया का धन्यवाद देते हुए कहा है कि इस गम्भीर मुद्दे को जी मीडिया से सबसे पहले दिखाया है तो वहीं कहा कि डीएफओ बीकानेर ने सभी रेंज मुख्यालय को मुख्यालय को पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि कहीं भी वन्यजीव पेड़ों की कटाई और जैव विविधता अधिनियम की अवहेलना हो रही है तो तुरंत उसका आंकलन करके मुकदमा दर्ज करवाएं साथ ही इसकी रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजें ताकि क्षेत्र का एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट करवाया जा सके.


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इस संबंध में कोलायत क्षेत्र की एक सोलर कंपनियों पर वन्य जीवों की हत्या और वन्यजीवों को कैद करने के संबंध में वन अधिनियम के तहत एक मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है, परंतु वन विभाग के उच्च अधिकारी छोटे अधिकारियों पर अनैतिक दबाव बना रहे हैं. इसके चलते यह कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई.


Reporter- Raunak Vyas


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