How to keep yourself healthy during the rainy season: देश के कुछ हिस्सों में मानसून का दौर शुरू हो चुका है ऐसे में उमस और गुनगुनी सर्दी के कारण हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है और हम कई बार बीमारियों की चपेट आ जाते है क्योंकि इस मौसम में हेल्दी डाइट फॉलो करने से लेकर हाईजीन मेंटेन करना ज्यादातर लोगों के लिए काफी मुश्किल हो जाता है...जबकि इस दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखकर खुद को फिट एंड हेल्दी रखा जा सकता है...  मानसून में लगातार बारिश के कारण बहुत तरह के जीव जंतु बाहर निकलने लगते हैं, जिसके कारण ना सिर्फ संक्रमण फैलने का खतरा रहता है अपितू कई गंभीर बीमारियां भी पैदा होने लगती हैं, इन मॉनसूनी सीजन से अपने आपको को स्वस्थ और निरोगी बनाने के लिए कुछ खास सावधानियां और योग आसन के बदौलत अपने आपको तंदुरूस्त बना सकते है 


बरसाती मौसम में अपनाएं ये सावधानियां


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

1. बाहर की चीजें खाने से बचें
2. अपने घर के अंदर की सफाई रखें
3. बारिश में भीगने के बाद नहा ले
4. खुद को बेहतर तरीके से हाइड्रेटेड रखे
5. नियमित रूप से हाथ धोते रहे 
6. सूप पीना चाहिए 
7. ठंडे तरल पदार्थ लेने से बचे 


मानसूनी सीजन में करें 6 आसन, रोगों को कहें छूमंतर


1. ताड़ासन आसन- ताड़ासन को पर्वत मुद्रा के नाम से जाना जाता है. ताड़ासन सबसे मौलिक योग आसनों में से एक है, जो सभी स्तरों के लिए एक चैलेंज जैसा है एवं कई तरह के शारीरिक और भावनात्मक  रूप से भी लाभप्रद है. ताड़ासन हमारे शरीर और दिमाग को शांत करता है


2. त्रिकोणासन- त्रिकोणासन संस्कृत शब्द 'त्रिकोना' (तीन कोनों) और 'आसन' (मुद्रा) से लिया गया है. संक्षेप रूप से कहे तो  इसे त्रिभुज स्थिति व्यायाम के रूप में भी जाना जाता है, यह एक स्थायी मुद्रा है जो हमारे शक्ति-संतुलन-फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार करता है.


3. भुजंगासन- भुजंगासन को कोबरा पोस्ट भी कहते है, यह हमारे शरीर में (प्रमुख रूप से पीठ) को फैलाता है और तेजी से आपके तनाव को दूर करने में सहायक होता है.


4. वृक्षासन- वृक्षासन मतलब पेड़ के सामान की आकृति, यह वृक्ष और आसन शब्दों को जोड़ती है, वृक्षासन एक स्थायी मौलिक योग स्थिति है....इसके अलावा, हिंदू धर्म में, और ऋषियों ने इस रुख का उपयोग तपस्या में भी लिया है.


5.  शिशुआसन- इसका दूसरा नाम बाल मुद्रा भी है, ऐसी आकृति  जो है, एक बच्चे की मुद्रा, जिसे बालासन / शिशुआसन के रूप में भी जाना गया है, यह एक शुरूआती स्थिति है जो हमारे मन एवं शरीर को आराम देने में मदद करती है.


6.पादंगुष्ठासन- यह अष्टांग योग में एक मूलभूत आसन है. जो शरीर की हर मांसपेशियों को सिर से पैर तक फैलाता है....यह शरीर को आराम देता है एवं बेचैनी को शांत करता है इसके अतिरिक्त यह मांसपेशियों के अलावा फ्लैट पैरों के लिए फायदेमंद है.


Writer: लक्ष्मीनारायण (सर्टिफाइड योग प्रशिक्षक)


ये भी पढ़ें- 


पांच योग क्रियाओं से दूर होगी महिलाओं की यह बड़ी समस्या


लंबी उम्र चाहते है तो ये योग जरुर करें, तनाव से भी मिलेगी मुक्ति