खाजूवाला: पुलिस ने सुरक्षा सखी कार्यक्रम का किया आयोजन, इन मुद्दों पर हुई खास चर्चा
Khajuwala: महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे आपराधिक मामलों पर अंकुश लगाने को लेकर राज्य सरकार और राजस्थान पुलिस ने नई पहल करते हुए सुरक्षा सखी नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया हैं.
Khajuwala: महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे आपराधिक मामलों पर अंकुश लगाने को लेकर राज्य सरकार और राजस्थान पुलिस ने नई पहल करते हुए सुरक्षा सखी नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया हैं, जिसमें समुदाय और पुलिस के बीच सुरक्षा सखी एक सेतू के रूप में काम करेगी, जो महिलाएं और युवतियां आत्मरक्षा और सुरक्षा संबंधित मुद्दों के प्रति झिझकती है, उन्हें जागरूक करने के उद्देश्य से सुरक्षा संखियों को ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं. ऐसे में खाजूवाला ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण शिविर पंचायत समिति सभागार खाजूवाला में आयोजित किया गया है.
कई बार देखा जाता है कि महिलाएं और बच्चियां पुलिस तक आने में और समस्याएं बताने में झिझकती हैं, उन्हें कैसे सामने आए और समुदाय स्तर पर कैसे इन खतरों की पहचान हो और खतरा होने से पहले ही उन पर रोकथाम के कदम उठाए जा सके, इन प्रशिक्षण के माध्यम से सुरक्षा सखियों को शामिल किया जा रहा है.
प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि सुरक्षा सखियां अपनी भूमिका समझे और वह यह समझे कि उनकी मुख्य भूमिका समुदाय स्तर पर महिलाओं और युवतियों के किस प्रकार के खतरे हैं, उन्हें पहचाने और पुलिस मीटिंग में आकर उन मुद्दों पर चर्चा कर सकें. उस चर्चा के ऊपर पुलिस और महिलाएं मिलकर कार्य योजना बनाएं जिससे इन खतरों का समाधान हो सके. इन खतरों को आने से पहले रोका कैसे जाए और रोकथाम को लेकर अब गांव ढाणियों दूर-दराज क्षेत्र में बैठी महिलाओं और युवतियों को जागरूक करने के लिए सुरक्षा सखियां पुलिस की मदद करेगी.
खाजूवाला पंचायत समिति सभागार में आयोजित हुए ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण में महिलाओं के साथ सुरक्षा वाणी नाम का एक नंबर भी साझा किया गया. इस नंबर पर फोन करके महिला और बच्चियों से संबंधी कानूनी जानकारियां, सुरक्षा संबंधित मुद्दों की जानकारियां, अपनी समझ बढ़ाने का मौका यह सब मिल सकेगा. यह नंबर सुरक्षा वाणी के नाम से सुरक्षा सखियों और समुदाय के अन्य महिलाओं और लड़कियों के लिए जारी किया गया.
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पुलिस का उद्देश्य है कि इस प्रशिक्षण द्वारा सभी महिलाएं जो इस प्रोग्राम से जुड़ी है, वह इतनी सशक्त हो जाए कि वह अपनी समुदाय, अपनी गली-मोहल्ले, अपने गांव की लड़कियों और महिलाओं की आवाज पुलिस तक ला सके और खासकर उन समुदायों की महिलाओं और लड़कियों की आवाज पुलिस तक पहुंचने में झिझकती है. वो डरते हैं या उन्हें समाज में आगे आने का मौके नहीं मिलता. इस प्रशिक्षण के द्वारा पुलिस चाहती है कि यह महिलाएं अपनी भूमिका निभा सके और इस काम से निरंतर जुड़े रह सकें.
Reporter: Tribhuvan Ranga
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