Rajasthan News: राजस्थान के श्रीमाली समाज में होने वाली शादियों में अनोखी परंपरा निभाई जाती है, जहां शादी से पहले लड़की घोड़ी पर बैठकर अपने ससुराल जाती है. यहां दूल्हे से पहले दुल्हन अपने ससुराल होकर आती है. श्रीमाली समाज में शादी से पहले लड़की घोड़ी पर बैठकर ससुराल जाकर अपना वर देखने जाती है. वहीं, दुल्हन राजी होने के बाद दूल्हा उसके घर बारात लेकर आता है. 


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ढोल, नगाड़े और आतिशबाजी 
जानकारी के अनुसार, श्रीमाली समाज में यह परंपरा कई सालों से निभाई जा रही है. यहां घोड़ी पर बैठकर दुल्हन, अपने दूल्हे रादा के घर जाती है. इस दौरान ढोल, नगाड़े और आतिशबाजी की जाती है. फिर लड़की ससुराल जाती है और दुल्हन अपने दूल्हे को निमंत्रण देकर आती है. 



 
दुल्हन देकर आती है दूल्हे का निमंत्रण 
जब दुल्हन ससुराल पहुंचती है, तो सास उसकी सेवा करती है. इस दौरान सास अपनी होने वाली बहू को मिठाई, पान खिलाकर साड़ी पहनाती है. साथ ही बरी भी ओढ़ाती है. इस परंपरा के पीछे पुरुष और स्त्री के बीच समानता का भाव रखना है. श्रीमाली समाज में दूल्हा शाम को बारात लेकर जाता है. वहीं, दुल्हन सुबह बारात लेकर दूल्हे के घर जाती है और निमंत्रण देकर आती है. 



संस्कृत में गाए जाते हैं गीत 
श्रीमाली समाज के लोगों को कहना है कि हमारे धर्म में  पुरुषों से पहले महिलाओं को महत्तव दिया जाता है. श्रीमाली समाज महालक्ष्मी का भक्त है. इस समाज में शादी की परंपरा भगवान शिव-माता पार्वती के विवाह की तरह निभाई जाती हैं. विवाह का सारी परंपरा ऋग्वेद पर आधारित हैं. इनकी शादियों में संस्कृत पर आधारित गीत गाए जाते हैं. 


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