Science News: शनिवार को वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में एक सनस्पॉट देखा गया है.यह सनस्पॉट  24 घंटे के अंदर अपने आकार से दोगुना बढ़ गया है.इसका यह आकार धरती  के आकार से भी दोगुना हो गया है.
यह सनस्पॉट AR3038  है. यह पृथ्वी के आकार से 2.5 गुना बढ़ गया  है, जो  लगभग धरती से 19,800 मील, या 31,900 किलोमीटर रेडियस में फैल गया है.  


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सनस्पॉट क्या होते है
सनस्पॉट सूर्य की सतह पर काले धब्बे होते हैं जोशक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र, जो सूर्य के प्लाज्मा से विद्युत आवेशों के प्रवाह के जरिए बनते हैं. इनके अचानक टूटने से पहले  ये गांठ बन जाते हैं।  जिससे अंतरिक्ष में सौर विस्फोट होते है. 


5 मई  देखा था
वैत्रानिकों के अनुसार 5 मई को जब  सनस्पॉट AR3038 को देखा था तो वह अपने मूल आकार में था. लेकिन 6 मई मकी रिपोर्ट में  यह धरती से दोगुना  बड़ा  हो गया है. इशने यह आकार  24 घंटे में बदला है.


सौर फ्लेयर्स  से है खतरा
खगोलीय वैज्ञानिकों की माने तो सनस्पॉट AR3038 में एक अस्थिर 'बीटा-गामा' चुंबकीय क्षेत्र है जो एम-क्लास [मध्यम आकार] सौर फ्लेयर्स के लिए ऊर्जा को खत्म करता है जिसके कारण यह सीधे पृथ्वी की कक्षा में पहुंच जाता है तो एक बड़ खतरा बनता जा रहा है. 


 रेडियो ब्लैकआउट का होगा निर्माण 
क्योंकि जब सौर विस्फोट धरती के ऊपरी वायुमंडल से टकराती है, तो  एक्स-रे और पराबैंगनी विकिरण परमाणुओं को अपने से निकालती  हैं, जिससे उच्च-आवृत्ति वाली रेडियो तरंगों का निकलना असंभव हो जाता है और एक तथाकथित रेडियो ब्लैकआउट का निर्माण होता है। रेडियो ब्लैकआउट पृथ्वी पर उन क्षेत्रों में होते हैं जो सूर्य के जरिए प्रकाशित होते हैं.


 कभी भी फट सकता है सनस्पॉट
इस सनस्पॉट को लेकर स्काईवेदर नेटवर्क की तरफ से चेतावनी जारी की गई है कि स्थिति काफी विकट है क्योंकि सनस्पॉट कभी भी फट सकता है. स्काईवेदर की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘यह फटने वाला है.खगोलविदों के मुताबिक, अगर इस आकार से सनस्पॉट में विस्फोट होता है तो यह पृथ्वी के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है. इससे उठने वाला सौर्य तूफान सैटेलाइट, जीपीएस और मोबाइल नेटवर्क सहित वायरलेस नेटवर्क और इंटरनेट को तहस-नहस कर सकता है. इसके अलावा पॉवर ग्रिड फेल होने के साथ ही पेसमेकर और वेंटिलेटर जैसे बिजली से चलने वाले मेडिकल उपकरणों में भी खराबी आ सकती है.


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