Lunakaranasar: चक 301 आर डी से चक 302 आर डी को जाने वाले पर मुख्य मार्ग में झूलते मानव और पशु जीवन पर कभी भी खतरा बन सकते हैं. यह बिजली की लाइन काफी पुरानी है और बिजली विभाग की लापरवाही के चलते इस लाइन पर कभी काम भी नहीं किया गया है.


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वहीं बरसात के मौसम में इस रास्ते से गुजरने वालों के साथ कभी भी हादसा हो सकता है. झुलते तारों की सूचना कई बार लूणकरणसर विद्युत विभाग कार्यालय में काफी बार दी गई लेकिन विभाग शायद किसी बड़े हादसे के इंतजार में है. इन चकों के ग्रामीण लगातार 2 वर्ष से इस समस्या से अधिकारियों को अवगत करवा रहे हैं, लेकिन लगता है इन अधिकारियों की कुम्भकर्णी नींद किसी की जान पर बन आने के बाद खुलेगी.


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झूलते तारों के नीचे गुजरते हैं मरीज और नोनिहाल
301 से 302 आरडी जाने वाले मार्ग पर स्वास्थ्य केंद्र और विद्यालय स्थित है जिस कारण बीमार लोगों को दवाई के लिए व नोनिहालों को तालीम हासिल करने इसी मार्ग से गुजरना पड़ता है. बड़े खतरे को भांपते हुए ग्रामीणों ने अपने स्तर पर सम्भावित खतरे से बचाव के लिए मार्ग छूती तारों के नीचे लकड़ियों की स्पॉट लगा रखी है ताकि बिजली विभाग की लापरवाही से किसी को जान न गंवानी पड़े.


ग्रामीण मुकेश पुनिया ने बताया कि 301-302 आरडी चक में तार इतने नीचे हैं कि मार्ग चलता 40-50 ढाणियां बनी हुई है और चक जाने के लिए यही एक मुख्य मार्ग है. जिसपर बिजली की तारें इतनी नीचे है कि बच्चे भी आसानी से छू ले. आंधी और बरसात के समय के समय ये तारें जमीन पर गिर जाती है, लेकिन सूचना के बाद भी विभाग द्वारा सुध नहीं लेने पर चकवासी सप्लाई कटवाकर खुद ऊपर करते हैं.


पोल के बीच ज्यादा दूरी होने से झूलती है तारें
चक वासियों के कहना है कि बिजली विभाग द्वारा लगाए गए विद्युत पोल की एक दूसरे से करीब दो बीघा दूरी है। जिस कारण यह तारें झुलती है.


विद्युत विभाग के कर्मचारी और अधिकारी देते हैं ये सुझाव
मुकेश पुनिया ने बताया कि इस समस्या से बिजली बोर्ड के ग्रामीण लगातार 2 वर्षों से चक्कर लगा रहे हैं. विद्युत विभाग के कर्मचारी, अधिकारी तारीख पर तारीख देते हैं और जब ग्रामीण उनकी दी हुई तारीख पर पेश हो जाते है तो गुस्साए अधिकारी उपर शिकायत करने की सलाह दे देते हैं. 


अब नहीं करेंगे सहन, तार कसवाने और नई लाइन के साथ पोल लगाने होंगे.ग्रामीणों ने विद्युत विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि अब लापरवाही सहन नहीं होगी। पूरी विधुत लाइन नई लगाने और पोल की दूरी घटाने को लेकर नए पोल लगवाने होंगे अन्यथा इन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.


REPORTER- TRIBHUWAN RANGA


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