जेम्स वेब से दिखा फैंटम गैलेक्सी का `दिल`, वैज्ञानिकों को मिली अहम जानकारी
हबल टेलीस्कोप हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी (Hubble Space Telescope (HST)) वास्तव में एक खगोलीय दूरदर्शी है जो अंतरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह के रूप में स्थित है, इसे 25 अप्रैल सन् 1990 में अमेरिकी अंतरिक्ष यान डिस्कवरी की मदद से इसकी कक्षा में स्थापित किया गया था.
Space News: धरती से आकाश को देखने पर वह बेहद चमकीला नजर आता है. इस आकाश में कई आकाश गंगाएं ऐसी है जिसके बारें में अंतरिक्ष वैज्ञानिक आए दिन नए नए खुलासे कर रहें है जो साइन्स की दुनिया में नए प्रयोगों में शामिल हो रहे है. हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के नया जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने धरती की कई बेहद सुंदर तस्वीरें दुनिया के सामने रख रखी है, जिससे देखकर वैज्ञानिक हैरान है, क्योंकि इससे पहले यह तस्वीरे हबल टेलीस्कोप से ली जाती रही है.
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हबल टेलीस्कोप हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी (Hubble Space Telescope (HST)) वास्तव में एक खगोलीय दूरदर्शी है जो अंतरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह के रूप में स्थित है, इसे 25 अप्रैल सन् 1990 में अमेरिकी अंतरिक्ष यान डिस्कवरी की मदद से इसकी कक्षा में स्थापित किया गया था. जो अंतरिक्ष में हो रही अनोखी गतिविधियों को कैप्चर करने का काम करता था. जिसे अब नया जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ले लिया है.
जेम्स वेब टेलीस्कोप ने अब फैंटम आकाशगंगा की तस्वीरें खींची है. ये धरती से 3.2 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर मौजूद एक स्पाइरल आकाश गंगा (सर्पिल गैलेक्सी किसी सर्पिल (स्पाइरल) आकार वाली गैलेक्सी को कहते हैं, जैसे की हमारी अपनी गैलेक्सी, आकाशगंगा है) है. हबल और जेम्स वेब दोनों की फोटो मिलाकर भी एक तस्वीर बनाई गई है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के मुताबिक आकाशगंगा पाइसीस कॉन्सटिलेशन (Pisces Constellation) में है.
फैंटम गैलेक्सी को आधिकारिक तौर पर M74 भी कहा जाता है. इस गैलेक्सी में बेहद खूबसूरत स्पाइरल दिखाई देते हैं. इसका मतलब है कि इसमें स्पाइरल आर्म्स हैं, जिन्हें नई जारी की गई तस्वीरों में घूमते हुए देखा जा सकता है. इस तस्वीर में जेम्स वेब ने गैलेक्सी में गैस और धूल के रेशों का पता लगाया है. तस्वीर में गैलेक्सी के बिलकुल बीच में साफतौर पर न्यूक्लियर स्टार क्लस्टर दिखाई दे रहा है, जिसमें गैस के बादल मौजूद नहीं हैं.
सितारों के बनने के बारे में जानकारी जुटाना
ईएसए का कहना है कि जेम्स वेब टेलीस्कोप ने अपने मिड इन्फ्रारेड इन्स्ट्रूमेंट (MIRI) का प्रयोग करके गैलेक्सी का विश्लेषण किया है. ये उस प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसके जरिए सितारों के बनने के शुरुआती चरणों को समझने की कोशिश की जाती है. जेम्स वेब ने उस इन्फ्रारेड लाइट को भी अपने कैमरे में कैद कर लिया है, जिसे इंसानी आंखों से देखा नहीं जा सकता. वहीं हबल टेलीस्कोप ने अल्ट्रावॉयलेट और विजिबल वेव्स भी देखी हैं. यही कारण है कि हबल HII के नाम से पुकारे जाने वाली फैंटम गैलेक्सी में सितारों के बनने वाले क्षेत्र में चमकने वाले हिस्से को देख पाया है.
सूर्य की परिक्रमा कर रहा जेम्स वेब टेलीस्कोप
दोनों टेलीस्कोप के डाटा को मिलाकर वैज्ञानिकों को फैंटम गैलेक्सी को गहराई से समझने में आसानी हुई है. इससे दुनिया के सामने यूनिवर्स की एक नई तस्वीर आई है. बता दें, नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने पहली हाई-रिजॉल्यूशन वाली तस्वीर 12 जुलाई को जारी की थी. वहीं हबल में गैसेक्सी के सबसे दूर के हिस्से को देखने की क्षमता है। हबल टेलीस्कोप पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है लेकिन जेम्स वेब टेलीस्कोप सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। यह पृथ्वी से 16 लाख किलोमीटर की दूरी पर है.
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