Bikaner: बीकानेर में ट्रैफिक सिस्टम इनदिनों पूरी तरह से पटरी से उतरा नजर आ रहा है. हालात यह है कि ट्रैफिक सिग्नल है लेकिन लाइट बंद है. वहीं निजी बसें अपने अपने हिसाब से अघोषित स्टैंड बना कर परिवहन कर रहे हैं. जिससे सड़कों पर हर वक्त जाम लगा रहता है. प्रशासन कभी कभार कार्यवाही कर इतिश्री कर लेता. लेकिन दुर्घटनाओं को न्योता देते इस सिस्टम को नहीं बदल रहा है.


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शहर के कई प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगने के बावजूद इसका कोई पालन नहीं कर रहा है. जिम्मेदार ट्रैफिक प्रसाशन भी इस ओर उदासीन हैं. इससे शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त है. चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी के बाद भी अक्सर जाम की समस्या देखी जा सकती है. नो एंट्री में भारी वाहन गुजरते हुए नजर आते हैं. रविवार को पड़ताल की तो यातायात व्यवस्था की कलई खुल गई. शहर में में ट्रैफिक सिग्नल बंद होने की वजह से लोग बेधड़क फर्राटा भरते नजर आए.


शहर की ट्रैफिक लाइट ही बंद पड़ी है. ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए पुलिसकर्मी तक तैनात नहीं है. चौराहे पर ट्रैफिक लाइट बंद रहती है. ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए पुलिस भी नदारद है. 


कोटगेट रेल फाटकों की समस्या का स्थायी समाधान अब भी नहीं हो पाया है. नई यातायात व्यवस्था से यहां बार-बार रेल फाटकों के बंद होने से लगने वाले जाम से कुछ राहत मिली है. परन्तु एक तरफा यातायात व्यवस्था भी पूरी तरह कारगार साबित नहीं हो रही. इसका नजारा रविवार दोपहर देखने को मिला. जब रेलवे फाटक बंद होने के बाद वाहनों की लम्बी कतार केईएम रोड पर लग गई.


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प्रशासन ने कोटगेट के बाहर से फडबाजार प्वाइंट तक और सटटा बाजार में एक तरफा यातायात व्यवस्था लागू की है. परन्तु कोटगेट के अंदर अब भी हालात जस के तस है. सार्दुल स्कूल रोड, जोशीवाड़ा रोड तथा दरगाह के पास जाम की स्थिति रहती है. यहां सुबह से रात तक ऑटो रिक्शा का जमावड़ा लगा रहता है. कोटगेट से जोशीवाड़ा रोड पर दोनों तरफ दुकानों के आगे कई फुट तक सामान रखे रहने की वजह से यातायात में परेशानी बन रहा है. यही स्थिति कोटगेट से सार्दुल स्कूल रोड की है.


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