Kolayat:  जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर सीमावर्ती बज्जू उपखंड मुख्यालय पर क्षेत्र के युवाओं के हौसलों को पंख लगने लगे हैं. बज्जू के कुछ युवा और रिटायर्ड सैनिकों की मदद से देशसेवा या अन्य प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होकर बज्जू व क्षेत्र का नाम रोशन करने की उड़ान भरने के लिए प्रतिभाएं तैयारी में जुटी है. जहां एक ओर बड़े-बड़े शहरों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्र महंगी फीस देकर फिजिकल की तैयारी करते हैं, जो कि गरीब तबकों के लोगों के लिए संभव नहीं होता है. ऐसे में बज्जू में प्रतिभाशाली युवाओं के लिए नि:शुल्क फिजिकल कक्षाएं चलाई जा रही है.


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बज्जू के सीनियर सेकेंडरी स्कूल मैदान पर अलसुबह 5.15 बजे लगभग 50 से ज्यादा युवा सेना भर्ती रैली की फिजिकल तैयारी के लिए पहुंच रहे हैं. रोज सुबह दौड़,शारीरिक व्यायाम के बाद लंबी कूद और फुट जम्प के साथ आवश्यक गुण सीखाए जा रहे हैं. लगभग एक से डेढ़ घंटे की फिजिकल तैयारी की जाती है.


ये शिक्षक दिलाते है फिजिकल ट्रेनिंग


फिजिकल तैयारियों के लिए मुख्य शारीरिक प्रशिक्षक रिटायर्ड जवान राजकुमार गोदारा,रिटायर्ड सेना जवान श्रवण गोदारा,नेवी सेना के जवान अनिल पुनिया,सामाजिक कार्यकर्ता जोशिराम धायल  सुबह-सुबह सीनियर सेकेंडरी स्कूल मैदान पर युवाओं को सेना में भर्ती होने के गुर सिखाते हैं,समय समय पर एनसीसी राज्य सलाहकार समिति सदस्य प्रेमप्रकाश खीचड़,योग शिक्षक सुनील गोदारा,व्याख्याता देविलाल ज्याणी, शारीरिक शिक्षक ओमप्रकाश बिशनोई भी युवाओं के लिए मैदान में मौजूद रहते हैं. तो इन सभी तैयारियों के लिए ना तो युवाओं से कोई शुल्क लिया जाता है और ना ही ट्रेनिंग देने वाले ट्रेनर को कोई मानदेय मिलता है. रिटार्यड सेना के जवान श्रवण गोदारा व राजकुमार गोदारा ने बताया कि अब छुट्टी पर आने के साथ गांव के युवाओं को तैयार करने का उद्देश्य व खुद को फिट रखने के लिए युवाओं से जुड़े हुए हैं.


इस निःशुल्क फिजिकल ट्रेनिंग के व्यवस्थापक जोशिराम धायल ने बताया कि प्रत्येक रविवार को सभी युवाओं के मध्य 1600 मीटर दौड़ सहित अन्य गतिविधियों की प्रतियोगिता होती है जिसमें अव्वल रहने वालों को सम्मानित भी किया जाता है. साथ ही सभी प्रतिभागियों को उनके द्वारा लगाई दौड़ का समय बताया जाता है और कैसे खुद में सुधार संभव उसकी भी जानकारी दी जाती है.


देश सेवा में ग्रामीण क्षेत्र के युवा हमेशा एक सपना संजोए रहते हैं लेकिन आर्थिक आभाव के कारण वो सही ट्रेनिंग नहीं पाते लेकिन बज्जू क्षेत्र के समाजसेवी व रिटायर्ड फोजियों ने जिस तरह निशुल्क प्रशिक्षण का बीड़ा उठाया है उससे लगन लगा है कि वो दिन दूर नहीं जब सुदूर ढाणी में रहने वाला गरीब का लड़का भी सेना में अपना कौशल दिखा देश को मजबूत करने में अपना सहयोग करेगा.


Reporter-Tribhuvan Ranga


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