Bundi News: पौराणिक काल से ही रक्षाबंधन भाई-बहन के बड़ा पर्व माना जाता है. इस दिन बहनें - भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी रक्षा की प्रार्थना करती है. वहीं भाई भी रक्षाबंधन अपनी कलाई पर रक्षा सूत्र बंधवाने के बाद बहन को उपहार देते है . 


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वहीं, बूंदी जिले के डाबी खनन क्षेत्र के गांव थड़ी में एक  बड़ी बहन ने अपने छोटे भाई को ऐसा उपहार दिया  है कि उसका  पूरा जीवन ही बदल गया. जहां भाई मौत के मुंह में  जा रहा था अब वह बहन के अमूल्य उपहार से कुशल जीवन जी सकेगा. क्योंकी  उसकी बहन ने  उसे जिंदगी का उनमोल तोहफा दिया है. अपनी किडनी भाई को दान दे कर जीवनदान दे दिया.


जिले की डाबी उपतहसील क्षेत्र के गांव बुधपुरा निवासी रामस्वरूप गुर्जर की  कई महीने से तबियत खराब थी. रामस्वरूप की किडनी में सूजन जैसी शिकायत थी. परिजन रामस्वरूप को लेकर कोटा, अहमदाबाद, उदयपुर व जयपुर के अस्पतालों में लेकर गए. यहां चिकित्सकों ने जांच करने के बाद किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी.


चिकित्सकों की लगातार सलाह के बाद परिवार जन किडनी की तलाश में थे कि उसे कौन किडनी दान करेगा जब परिवार के सदस्यो की किडनी का मैच नहीं हुआ तो बड़ी बहन ने आगे आकर ब्लड ग्रुप मैच होने पर तुरंत हंसते-हंसते कितनी दान कर दी और भाई का जीवनदान बचा लिया.


 तीन बहनों में से बड़ी बहन थड़ी निवासी सुगना बाई गुर्जर (49) का ब्लड ग्रुप मैच हो गया. बड़ी बहन सुगना बाई ने जीवनरक्षक बनकर अपनी किडनी दान करने का नेक निर्णय लिया. सुगना बाई के साहसिक फैसले का परिजनों का पूर्ण समर्थन मिला.
रक्षाबंधन से पूर्व किडनी ट्रांसप्लांट जयपुर के महात्मा गाँधी अस्पताल में किया गया. अब रामस्वरूप की सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. वहीं, अपने भाई को नई जिंदगी देकर सुगना बाई बेहद खुश है. दोनो भाई बहन स्वस्थ है. वही अस्पताल में डॉक्टर की देखरेख में है.


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