Hindoli News, Bundi: बूंदी जिले के हिंडोली उपखंड स्थित मांगलीकला बीड़ में गुड़ की मिठास इतनी ख्याति प्राप्त है कि यहां से लोग देश में ही नहीं विदेश में भी गुड़ ले जाते हैं. दीपावली के बाद गन्ने की फसल की कटाई होती है, इसके साथ ही परिवार के लोग मेहनत कर गुड़ तैयार करते हैं. 


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जिले के मांगली कला बीड पर इन दिनों गन्ने की फसल की कटाई के साथ गुड़ बनाने की चरखी यहां चल रही है. यहां देसी तरीके से शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण गुड़ तैयार किया जा रहा है, जिसे खरीदने के लोग यहां गांव तक चले आते हैं. यहां के लोगों की मेहनत से तैयार शुद्ध देशी गुड बाजार में ले जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती, यहीं पर इनकी बिक्री हो जाती है.


प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से हैं पहचान रखने वाले लोग बूंदी के मांगली के गुड़ को खरीदने के लिए अपने परिचित लोगों को संपर्क करते हैं और यहां से गुड मंगा लेते हैं. कई लोग तो परिवार सहित गांव में आकर अपने सामने ही गुड़ को तैयार करवाकर ले जाते हैं. 


मांगली बीड में गुड़ बिना केमिकल के तैयार किया जाता है. केमिकल पैदावार के जमाने में जहरीले एवं स्वास्थ्य हानिकारक रसायन से बनने वाले कई जगह गुड़ लोगों का स्वास्थ्य खराब करते हैं, लेकिन मांगली कला बीड में यह लोग गन्ने की कटाई के बाद सीधा चरखी में रस निकालकर गरम करने के बाद उसका गुड़ तैयार कर देते हैं, जिसे लोग स्वाद के साथ घरों में काम करते हैं. 


कोटा जयपुर हाइवे स्थित हिंडोली उपखंड के मांगली ग्राम पंचायत की मांगलिक कला बीड में करीब 50 परिवार परिवार यहां रहते हैं. यहां अधिकांश गन्ने की फसल यह लोग करते हैं, जिससे इनकी जमीन भी खराब रसायन से मुक्त हो जाती है और फसल भी अच्छी पैदावार देती है. 3 साल गन्ने की फसल करने के बाद इन जमीन पर या अन्य फसल भी करते हैं और दूसरी जगह गन्ने की फसल तैयार करने लग जाते हैं. 


Reporter- Sandeep Vyas