Bundi: बूंदी जिले की नगर पालिका लााखेरी को तबादलों की पालिका कहा जाए तो कोई नई बात नहीं होगी.  हालात यह  है कि बोर्ड के गठन के 16 महीनों में अब तक ईओ के पांच बार तबादले हो चुके है. इन तबादलों की कड़ी में हाल ही में एक घटनाक्रम ने पालिका में हड़कंप मचा दिया है. इसको लेकर राजनीतिक दावपेंच शुरू हो गए. कुछ दिनों पहले ही ईओ चंद्रकला वर्मा को ज्वाइन करने के सिर्फ 15 दिन बाद ही तबादला हो गया. उनकी जगह रूही तरून्नम को लगाया था. वर्मा के तबादले को लेकर उच्च न्यायालय ने स्वायत्त शासन विभाग के 26 मई के आदेश पर स्टे दे दिया था. अब स्वायत्त शासन विभाग की ओर से 12 जुलाई को जवाब पेश  किया जाएगा.


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 इस स्टे के आदेश को लेकर पालिका में जोर आजमाइश शुरू हो गई है. एक गुट स्टे के आधार पर ईओ के पद पर ज्वाइन करवाने के लिए पक्ष में ताकत लगा रहा है, तो दूसरा पक्ष इस स्टे का तोड़ निकालने में लगा है. दरअसल, पालिका में ईओ को लेकर खींचतान चली आ रही है. सत्ता पक्ष की राजनीति से जुडे़ अलग-अलग गुट इस तबादले की राजनीति में लगे है, जिस गुट की भी ईओ से पटरी नहीं बैठती है. वहीं, तबादले की तैयारी कर लेता है. इसी के चलते इस बोर्ड में ईओ बमुश्किल पांच महीने से कम समय टिक पाए है. इससे पालिका का काम काज तो प्रभावित हो रहा है. वहीं, विकास की बड़ी योजनाएं फाइलों में दफन होने के कगार पर है.


16 महीनों में पांच तबादले, लंबा ठहराव नहीं


हालात यह है कि जिले और पालिका में सत्ता पक्ष की आपसी गुटबाजी का  खामियाजा  ईओ भुगत रहे  है. पालिका में तैनात होते ही ईओ का जिस गुट की तरफ झुकाव बढ़ने लगता है, वहीं, से तबादलों का दौर शुरू हो जाता है. तबादलों के इन घटनाक्रम को लेकर एक मनोनीत पार्षद का नाम काफी चर्चा में है.वे स्वायत्त शासन मंत्री के करीबी माने जाते है.बोर्ड गठन के कुछ महीनों बाद ही ईओ के तबादले का दौर शुरू हो गया था. 


बता दें कि. जितेंद्र मीणा ने  केवल दस महीने ही काम कर पाए थे. उनकी जगह मुकेश नागर को लगा दिया. नागर पहले भी ईओ रह चुके थे. उनके आते ही संवेदकों से जुड़ी लॉबी सक्रियहो गई .इसके चलते ईओ नागर और एक पार्षद के साथ भिडंत हो गई.इस घटनाक्रम को कूछ महीने बीते कि नागर को विभाग के आदेश से रूखसत होना पड़ा.इनके बाद विक्रम सिह को लगाया, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया.तब चंद्रकला वर्मा ने विभागीय आदेश से पालिका की कमान संभाली.अभी मुश्किल से 15 दिन ही हुए थे कि चेयरमैन ओर ईओ में परस्पर नोटिस देने से माहौल गर्म हो गया.इसी के चलते वे भी तबादले की शिकार हो गई.


आगे कार्रवाई कैसे होंगी


स्वायत्त शासन विभाग के तबादला आदेश पर स्टे मिलने के बाद यह माना जा रहा है कि, ईओ चंद्रकला वर्मा वापस ज्वाइन कर सकती है.इसी को लेकर जोर आज़माइश दोनों ओर से है.जो पक्ष ज्वाइन नहीं करवाना चाहता. लाखेरी पालिका में तबादले पर स्टे का मामला नया नहीं है. पहले भी ऐसा हो चुका है.गत बोर्ड के समय भागीरथ पांचाल का तबादला हो गया था ओर नरेश राठौर ने ज्वाइन किया था.


 कुछ ही दिनों में पांचाल ट्रिब्यूनल से तबादले पर स्टे ले आए थे ओर पालिका ईओ बने.हालांकि पांचाल को स्टे के आधार पर ज्वाइन करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी.अब लोगों की निगाह सोमवार को पालिका कार्यालय खुलने के बाद होने वाली संभावित उटापटक पर निगाह है.
Reporter: Sandeep Vyas


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