Bundi: संयुक्त कर्मचारी महासंघ (एकीकृत) के संभागीय अधिवेशन मे पूरे समय ओपीएस के मामले को लेकर  मंच से कई बार अतिथियों एवं कर्मचारी नेताओं के साथ-साथ दर्शक दीर्घा में बैठे कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जिंदाबाद के नारे लगाए.


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कर्मचारी नेताओं ने मंच से अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा अपनी 1998 की तत्कालीन सरकार में कर्मचारियों के हितों को कुचलने का प्रयास किया था. वहीं, मुख्यमंत्री गहलोत ने अब 2023 में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करके राज्य भर के कर्मचारियों को संजीवनी बूटी जैसा उपहार दिया है.


कर्मचारी नेताओं ने खुले मंच से गहलोत सरकार की मौजूदा योजनाओं की प्रशंसा करते हुए अपनी लंबित चल रही कुछ मांगों को लेकर भी सरकार से कर्मचारी हित में कदम उठाने की अपील की है.


अधिवेशन में मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोबदार,पूर्व वित्त राज्य मंत्री हरिमोहन शर्मा, संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष विजय, अर्बन कॉपरेटिव बैंक चेयरमैन सत्येश शर्मा, बीज निगम के निर्देशक चरमेश शर्मा, राज्य मेला प्राधिकरण के सदस्य भरत शर्मा, पूर्व जिला प्रमुख राकेश बोयत, दिव्यांग प्रकोष्ठ के संयोजक भगवान सिंह,गुर्जर गौड़ ब्राह्मण महासभा के गिरधर शर्मा ,महासंघ एकीकृत के प्रदेश प्रवक्ता अवधेश पारिक, डॉ लक्ष्मण गुर्जर, वीएन माहेश्वरी आदि ने भी अधिवेशन को संबोधित किया.


इससे पूर्व जिला अध्यक्ष अनीस अहमद ने समस्त अतिथियों के समक्ष और अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत पिछले कई वर्षों से कर्मचारियों जिनमें समस्त संविदा निविदा मानदेय प्लेसमेंट ठेका और नियमित कर्मचारियों की मांगों को लेकर सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष में अग्रणी रहा है और इसी विश्वास के साथ कर्मचारियों का सहयोग महासंघ एकीकृत पर बना हुआ है.


संगठन के महामंत्री अरुण शर्मा द्वारा संगठन कार्यकलापों एवं कार्यों का लेखा-जोखा सभी के समक्ष रखा गया, जिसमें संविदा, निविदा, मानदेय, नियमित कर्मचारी के लिए संगठन के द्वारा सरकार के समक्ष धरना प्रदर्शन के माध्यम से ज्ञापन देकर समस्याओं से अवगत करवाया गया.जिस पर बहुत सी मांगों पर सरकार के द्वारा अधिकारियों के द्वारा समाधान किया गया.


अधिवेशन के माध्यम से कर्मचारी महासंघ एकीकृत के संभाग संयोजक अनीस अहमद ने कहा कि  सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कर्मचारी कल्याण की कुछ मांगे दी थी उनको पूरा किया जाए,


जिनमें संविदा निविदा मानदेय कर्मचारियों को नियमित करने की मांग सम्मानजनक मानदेय देने ,समान काम समान वेतन देने संविदा सेवा नियम 2022 के तहत समस्त संविदा निविदा मानदेय कर्मचारियों को शामिल करते हुए नियमित किया जाए. नियमित कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने और 2004 के पश्चात नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू की गई उसके लिए धन्यवाद परंतु वेतन विसंगति सातवें वेतन आयोग की दूर की जाए.खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए.


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