Chittorgarh: चित्तौड़गढ़ के सबसे पुराने ढुंचा बाजार में सीवरेज के खुदाई के दौरान दो खंडित प्राचीन पत्थर मिले. पत्थरों को धोकर देखा तो एक पत्थर में नंदी की मूर्ति और दूसरे पत्थर में ब्रह्मा और विष्णु की मूर्ति दिखी. मूर्तियों को देखते ही लोग एकत्रित हो गए. मूर्तियों की सफाई के बाद उसे एक गणेश मंदिर में स्थापित कर दी गई.


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मनोज वैष्णव ने बताया कि लोहार मोहल्ले के पास ढुंचा बाजार में जेसीबी के जरिए सीवरेज की खुदाई की जा रही थी. इसमें दो बड़े-बड़े पत्थर मिले. कर्मचारियों ने मोहल्ले में रहने वाले कुछ लोगों को इसकी जानकारी दी. पत्थरों को जब धोकर देखा तो एक पत्थर में नंदी की खंडित मूर्ति दिखी. नंदी की मूर्ति खंडित होने के साथ-साथ अधूरी भी थी. ऐसा लगा जैसे मूर्ति बनाते समय काम पूरा नहीं हो पाया तो यह पत्थर छोड़ दिया गया था.


दूसरे पत्थर में ब्रह्मा और विष्णु की मूर्ति देखी. दोनों पत्थर प्राचीन काल की दिखाई दी. खुदाई में मूर्तियों के मिलने की बात आग की तरह शहर में फैल गई. देखते ही देखते लोग मौके पर पत्थरों को देखने पहुंचने लगे.दोनों पत्थरों की अच्छे से सफाई करने के बाद वही मौके पर दोनों की पूजा की गई. क्षेत्र वासियों ने इसे पास के ही एक गणेश मंदिर में स्थापित किया. सूचना पर कोतवाली थाना अधिकारी मोतीराम मय जाब्ता पहुंचे. पुलिस ने इसकी जानकारी पुरातत्व विभाग को भी दी गई.


चित्तौड़गढ़ काफी ऐतिहासिक जगह है. यहां चित्तौड़गढ़ दुर्ग के अलावा आसपास पुराने शहर में भी काफी मूर्तियां मिलती रहती है. शहर में अब आबादी ज्यादा होने के कारण मूर्तियां कम मिलने लगी है, लेकिन जब गहरी खुदाई होती है तो प्राचीन मूर्तियां मिल भी जाती है. सीवरेज के दौरान भी पुराने शहर में काफी गहरी खुदाई की जा रही है.


Reporter- Deepak Vyas


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