Chittorgarh: चित्तौड़गढ़ में तेरापंथ महिला मंडल का वार्षिक अधिवेशन सुशीला बाबेल व प्रीतम पोखरना की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ. महिला मंडल मंत्री ऋतु सुराणा ने बताया कि नवकार मंत्र के साथ अधिवेशन की शुरूआत की गई, सभी ने सामूहिक रूप से प्रेरणा गीत का संज्ञान किया. अध्यक्ष प्रीति ढीलीवाल ने स्वागत करते हुए ‘‘संयम’’ कार्यशाला के बारे में बताया कि आत्मा, शरीर, स्वभाव एवं पर्यावरण के विपरीत स्थितियों पर स्वनियंत्रण करना ही संयम है, मन को संयमित कर लिया तो वचन और काया का संयम सहज ही आसान हो जाता है.


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मंत्री ऋतु सुराणा ने वर्षभर में हुए कार्यों का विस्तृत विवरण दिया तथा आगामी वर्ष में होने वाले कार्यो पर चर्चा की. इस दौरान कोषाध्यक्ष सिंपल सिंघवी ने आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया. उमा सुराणा ने प्रतिक्रमण विषय को समझाते हुए बताया कि जैन धर्म में प्रतिक्रमण एक कर्म है, जिसमें पूर्व किए दोषों का मन, वचन, काया से पश्चाताप करना ही प्रतिक्रमण कहलाता है.


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इस अवर पर ज्योति सुराणा, डॉ. प्रियंका ढीलीवाल, चंचल पितलिया, मंजु श्रीश्रीमाल, संगीता भंडारी, अनु सुराणा, मोनिका भंडारी, रेखा खाब्या, पायल खमेसरा, रेखा ढीलीवाल, नीतू सखवाया, काजल सखवाया, श्वेता ढीलीवाल आदि ने विचार व्यक्त किये. अधिवेशन के दौरान जैन विद्या की परीक्षा के फार्म भरने पर भी जोर दिया तथा ज्ञानशाला चालू करने संबंधी चर्चा की गई. प्रत्येक शनिवार को सभा भवन में शाम 7-8 बजे सामायिक चातुर्मास करने पर सभी उपस्थित लोगों ने सहमति दी.


अध्यक्ष प्रीति ढीलीवाल ने 19 जुलाई को चित्तौड़गढ़ आ रही तेरापंथ महिला मंडल की संगठन यात्रा में सभी से सहभागिता दर्ज कराने का आह्वान किया. अंत में ऋतु सुराणा ने वार्षिक अधिवेशन को सफल बनाने के लिए सभी आभार व्यक्त किया. उमा सुराणा ने कार्यक्रम का संचालन किया.


Reporter - Deepak Vyas


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