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चित्तौड़गढ़: जिले के बस्सी कस्बे में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खुलने और नये सत्र प्रारंभ होने में हैं और यहां विद्यालय बालिका रहेगा या महात्मा गांधी इस पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. बता दें कि पुर्व में यह विद्यालय बालिका विद्यालय था , लेकिन बजट सत्र में घोषणा कर बालिका विद्यालय को परिवर्तित कर महात्मा गांधी विद्यालय कर दिया गया. उसके पश्चात कस्बें में इसको लेकर विरोध के स्वर मुखर हुए. जिस पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा ज्ञापन भी दिया गया. जिस पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने विद्यालय विकास समिति से इस सम्बन्ध में अनुशंसा मांगी हैं.


जिस पर सोमवार को विद्यालय परिसर में एस डी एम सी सदस्यों की बैठक रखी गई, जिसमें सदस्यों का निर्णय बालिका विद्यालय अथवा महात्मा गांधी विद्यालय पर एक मत नहीं होने के कारण बालिका विद्यालय के अथवा महात्मा गांधी विद्यालय के पक्ष में अपना अपना मत प्रस्तुत करवाया गया.


जिसमें उपस्थित ग्यारह सदस्यों में से आठ सदस्यों ने बालिका विद्यालय के पक्ष में अपनी सहमति जताई एवं 3 सदस्यों ने महात्मा गांधी विद्यालय के पक्ष में सहमति जताई, जिसके बाद एस डी एम सी सदस्यों की कम उपस्थिति को देखते हुए बैठक बेनतीजा रही. गौरतलब रहें कि ग्राम वासियों की मांग हैं कि पूर्व में संचालित बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय को बालिका विद्यालय ही रखा जाये. ताकि बालिका शिक्षा के अनुकुल वातावरण बना रहेगा, बालिका शिक्षा का स्तर बढ़ेगा और बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा.


 साथ ही यह सुझाव भी जाहिर किया कि महात्मा गांधी विद्यालय को कस्बे में ही अन्यत्र विद्यालय में खोला जाये तो ज्यादा बेहतर रहेगा. वहीं, महात्मा गांधी विद्यालय पर सहमति जाहिर करने वाले कस्बें वासियों ने कहा है कि महात्मा गांधी विद्यालय कस्बें में सौगात मिली हैं जिसे अस्वीकार करना कस्बें से बाहर जाने वाले विद्यार्थियों के लिए एवं अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों के लिए नुकसानदायक साबित होगा.


Reporter- Deepak Vyas