Chittorgarh: रावतभाटा में शनिवार को एक संवेदनशील मामला सामने आया, जिसमें एक निजी अस्पताल में पेट दर्द का इलाज कराने के बाद पांच महीने की गर्भवती महिला की घर जाने के बाद बाथरूम में अर्धविकसित भ्रूण की डिलीवरी हो गई. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

घटना में अर्धविकसित भ्रूण की मौत हो गई है. वहीं, घटना से गुस्साए महिला के पति लोकेश राठौर ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया और निजी अस्पताल में लोहे के पाइप से जमकर तोड़फोड़ की. 


इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया, जबकि अस्पताल प्रबंधन की ओर से पांच महीने की गर्भवती होने के बावजूद पति के साथ लंबा सफर करने से समय से पहले डिलीवरी होने की बात कही जा रही है. महिला शिवानी और उसका पति लोकेश रतलाम के रहने वाले हैं. रावतभाटा में कोई रिश्तेदार भी नहीं रहता. ऐसे में फिलहाल पीड़िता का उसी निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिस पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया गया था. 


पीड़िता शिवानी ने बताया कि आज दोपहर में पेट दर्द की शिकायत पर थाने के पास स्थित लाहोटी अस्पताल में महिला डॉक्टर को दिखाया था. अस्पताल में दर्द का इंजेक्शन लगवाया और घर जाकर दवा ली थी, जिसके बाद यूरिन आने पर बाथरूम गई और यूरिन के दौरान अचानक से पांच महीने का भ्रूण भी बाहर आ गया. 


Reporter- Deepak Vyas 


यह भी पढे़ंः 


अडानी के साथ 60 हजार करोड़ बिजनेस डील पर राहुल गांधी ने कहा-मेरी पॉजिशन मोनोपोली के खिलाफ