Kapasan: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के आकोला में प्रमुख देवी शक्ति पीठ वडली माता जी की नवरात्रि में विधि-विधान से अर्चना की गई. नौ दिन तक अखंड अनुष्ठान का आयोजन किया गया. इसके साथ ही, यहां नवरात्रि के नौ दिन तक अखंड जोत और अनुष्ठान का आगाज हो गया. 


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पुराने लोगों का कहना है कि इतिहास में एक लेख लिखा है, जिसमें राजस्थान की लोक देवी शक्ति पीठ जिसका नामक किताब में भी आकोला की वडली माता जी का उल्लेख किया गया था. यह स्थान बडली माता जी के नाम से माना जाता है. चित्तौड़गढ़ जिले के आकोला में एक किलोमीटर दूर बेडच नदी के एक खेत पर वडली माता का प्राचीन मंदिर है. इसकी प्राचीनता को लेकर कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं है. 


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प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां पर पुराने जमाने एक बरगद का पेड़ था, जिसके नाम पर स्थान को वडली माता जी जाने लगा. देवरे के अंदर स्थानक पर अनेक देवी मूर्तियां स्थापित हैं. लोग कहते हैं कि बारिया बनि हुई हैं. यहां आने वाले श्रृद्धालु और बीमार व्यक्ति बारियो से परिक्रमा करने से बीमारियां ठीक हो जाती हैं. पास ही बड़ा त्रिशूल लगा है. ऐसी मान्यता है कि बडली माता जी व्याधि ग्रस्त रोगियों की पुकार सुनती हैं. वडली माता जी के चमत्कार की चर्चा जनमानस में होती रही है.


Reporter: Deepak Vyas


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