जाट, गाडरी और गुर्जर महिलाओं की चूंदड़ी व पोमचे की रंगाई कर रहे मेवाड़ के ये परिवार
Chittorgarh News : आकोला की हस्त शिल्प आधरित रंगाई छपाई कला मेवाड ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पहचान रखता है. छीपो के कई परिवार जिनका पुश्तैनी धंधा कपड़ो की रंगाई छपाई का है. फेटिया व चूंदड़ी, खासकर जाट, गाडरी, गुर्जर आदि जातियों की महिलाओं का पहनावा है.
Chittorgarh News : मेवाड ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इसकी पहचान है. इस समय पर अब आधुनिकता का रंग भी चढ़ने लगा है. आकोला की हस्त शिल्प आधरित रंगाई छपाई कला का इतिहास काफी पुराना है. यही कारण है कि दशकों से छीपो का आकोला के नाम से जाना जाता है. छीपो के कई परिवार जिनका पुश्तैनी धंधा कपड़ो की रंगाई छपाई का है. आज भी अधिकाश परिवार इसी से जुटे हुए हैं. फेटिया, चूंदड़ी व पोमचे की रंगाई छपाई की कला का प्रतीक है. फेटिया व चूंदड़ी , खासकर जाट, गाडरी, गुर्जर आदि जातियों की महिलाओं का पहनावा है. राजस्थान में ही नहीं विदेशों मे मांग हो रही है. आकोला की दो विभूतियों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होने का गौरव हासिल हुआ.
एक राष्ट्रपति तो दूसरे प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित हुए. हथकरघा आधारित पारंपरिक व आधुनिक रंगाई छपाई के लिए प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ जिले के आकोला के लिए गत साल में दो ऐसे अवसर आए जब यहां की दो विभूतियों को अपने अपने क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होने का गौरव हासिल हुआ था. आकोला की पहचान यहां कि पारंपरिक हथकरघा आधारित रंगाई छपाई उद्योग से होती है. इस रंगाई छपाई उद्योग में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है. कई सालों से आधुनिक फैशन के अनुरूप भी यहां बेहतरीन रंगाई छपाई हो रही है जो विश्व प्रसिद्ध हो चुकी है. इसी उधोग से सालों से जुड़े हस्तशिल्पी सुरेश छीपा को वर्ष 2018 में चेन्नई में आयोजित किए गए हस्तकला आधारित राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें उत्कृष्ट रंगाई छपाई के लिए सम्मानित किया था.
उल्लेखनीय है कि हस्तशिल्पी सुरेश हेण्ड प्रिंट सुरेश चन्द्र छीपा पहले भी अनेक बार राजस्थान के तब के मुख्यमंत्रियों से राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित हो चुके है तथा उनके बड़े भाई हस्तशिल्पी बरगद हैंड प्रिंट भैरुलाल छीपा भी अनेक बार सम्मानित हो चुके है और उन्होंने विदेश में भी अपनी बेहतरीन रंगाई छपाई उत्पाद का प्रर्दशन कर चुके हैं. इसमें कोई संदेह नहीं की इन दोनों विभूतियों ने अपने-अपने क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित होकर आकोला कपासन विधानसभा चित्तौड़गढ जिले के आकोला. मेवाड ही नहीं बल्की विदेशों में भी इसकी पहचान है. इस समय पर अब आधुनिकता का रंग भी चढने लगा है.
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