Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़ में स्थित वेदांता ग्रुप के हिंदुस्तान ज़िंक प्लांट में काम करने गए एक कर्मचारी की नाइट शिफ्ट में काम के दौरान मौत हो गई. परिजनों का कहना है अगले दिन तक उन्हें मौत किस वजह से हुई, इसकी जानकारी नही दी गई और ना ही मृतक का शव सुपुर्द किया गया.

 

हिंदुस्तान जिंक में पिछले तीन दशक से काम करने वाले 52 साल के रतन सिंह सुपर वाइजर के पद पर कार्यरत थे. मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि जिंक प्रबंधन की ओर से पहले कर्मचारी की मौत को छुपाया गया. सुबह करीब 5 बजे मृतक कर्मचारी के रिलीवर ने उन्हें फोन पर इसकी जानकारी दी, जिसके बाद मृतक के परिजन और ग्रामीण सुबह शव लेने जिला अस्पताल पहुंचे.

 

लेकिन मृतक कर्मचारी का शव मिलना तो दूर मौत के कारणों से जुड़ी जानकारी तक नही दी गई, जिसके बाद दोपहर 2 बजे सभी लोग हिंदुस्तान ज़िंक के गेट के सामने पहुंचे और प्लांट का गेट बंद करवा दिया. मौके पर पुलिस जाब्ता तैनात किया गया. परिजनों की ओर से जिंक प्रबंधन से 50 लाख रुपए मुआवजे के अलावा मृतक की पेंशन चालू करने और मृतक कर्मचारी के बेटे को नोकरी दिलवाने की मांग की गई.

 

सुबह से लेकर रात तक मृतक के परिजन और ग्रामीण हिंदुस्तान जिंक प्लांट गेट के सामने धरने पर बैठे रहे, और प्रदर्शनकारियों ने हिंदुस्तान ज़िंक प्लांट का इन आउट गेट बंद करने की कोशिश की. इस बीच धरना स्थल पर मौजूद लोगों के मृतक कर्मचारी का शव ज़िला अस्पताल की मोर्चरी में होने की जानकारी मिली. लेकिन फिर भी विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग हिंदुस्तान जिंक के गेट के सामने ही डटे रहे.

 

देर रात तक लोगों का विरोध कम ना होता देखकर हिंदुस्तान ज़िंक प्रबंधन घुटनों पर आया और मृतक आश्रित परिवार को 30 लाख रूपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नोकरी देने की बात पर सहमति जताई. तब कहीं जाकर परिजनों ने धरना समाप्त किया. आज सुबह पुलिस ने मृतक कर्मचारी के शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों के सुपुर्द कर दिया, जिसके बाद गमगीन माहौल में मृतक कर्मचारी के शव का अंतिम संस्कार किया गया.